लेकिन रेत के रेट सामान्य रहने से लोगों को इस बार राहत मिली है। इधर होशंगाबाद से आने वाले रेत के डंपरों की संख्या भी घटी है। पहले 200 ड़पर आते थे, लेकिन लगातार बारिश से जो निर्माण चल रहे थे उनमें भी काम रोक दिया है। इस कारण रेत की आवक50/60 डंपर प्रतिदिन की रह गई है। 825 फीट रेत का डंपर 26,400 हजार के करीब पड़ रहा है। जानकार बताते हैं कि बरसात रुकने के बाद कुछ डिमांड बढ़ सकती है। लेकिन इस माह के आखिर तक ये संभावना भी कम है। मौसम खुलने के बाद रेत के रेट कुछ बढ़ सकते हैं, लेकिन ज्यादा नहीं जाएंगे।
मुरम की खुदाई भी रुकी
इधर बरसात के चलते खदानों में पानी भरने से मुरम की खुदाई भी रोक दी गई है। समतल क्षेत्र ही मुरम निकाली जा रही है। रेत के साथ मुरम में भी नरमी हो गई है।
इस बार एनजीटी की रोक 15 दिन लेट लगने के कारण पहले से स्टॉक कर लिए गए, रेत के रेट भी नहीं बढ़े हैं। बरसात में निर्माण कार्य की रफ्तार स्लो है। रेत कम आ रही है। – विश्व बंधू रावत, सचिव, भोपाल सेंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन