पेपरलैस होगा काम
क्लीनिक में कहीं भी कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा। मरीजों के पर्चे से लेकर जांच रिपोर्ट सब ऑनलाइन की जाएंगी। पूरा काम टैबलेट से होगा। यही नहीं सभी संजीवनी क्लीनिक को जेपी और हमीदिया अस्पताल से जोड़ा जाएगा। अगर कोई मरीज संजीवनी क्लीनिक से दूसरे अस्पताल रैफर होता है तो उसे अपने साथ कागजात ले जाने की जरूरत नहीं होगी। उसके सारे दस्तावेज ऑनलाइन दूसरे अस्पताल में दिख जाएंगे।
क्लीनिक में कहीं भी कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा। मरीजों के पर्चे से लेकर जांच रिपोर्ट सब ऑनलाइन की जाएंगी। पूरा काम टैबलेट से होगा। यही नहीं सभी संजीवनी क्लीनिक को जेपी और हमीदिया अस्पताल से जोड़ा जाएगा। अगर कोई मरीज संजीवनी क्लीनिक से दूसरे अस्पताल रैफर होता है तो उसे अपने साथ कागजात ले जाने की जरूरत नहीं होगी। उसके सारे दस्तावेज ऑनलाइन दूसरे अस्पताल में दिख जाएंगे।
व्यवस्थाएं ऐसी हों कि वीआईपी भी आएं
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पास में ही चार इमली क्षेत्र है। क्लीनिक में व्यवस्थाएं ऐसी होनी चाहिए जिससे चार इमली में रहने वाले अधिकारी भी यहां इलाज कराने आएं।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पास में ही चार इमली क्षेत्र है। क्लीनिक में व्यवस्थाएं ऐसी होनी चाहिए जिससे चार इमली में रहने वाले अधिकारी भी यहां इलाज कराने आएं।
ऐसी होगी क्लीनिक
यहां सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक इलाज मिलेगा। क्लीनिक में मेडिकल ऑफिसर के साथ फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, एएनएम, लैब टेक्निशियन और मल्टी टास्क वर्कर की टीम उपलब्ध रहेगी। यहां हीमोग्लोबिन, टीएलसी, डीएलसी, प्लेटलेट काउंट, सीबीसी, ईएसआर, ब्लड ग्रुप, पेरीफेरल ब्लड फि ल्म, यूरिन, डेंगू, मलेरिया, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, थायराइड, शुगर, एसजीपीटी, एसजीओटी, ब्लीडिंग टाइम और क्लॉटिंग टाइम और यूरिक एसिड समेत 68 प्रकार की जांचें की जाएंगी और 120 प्रकार की दवाईयां उपलब्ध रहेंगी ।
यहां सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक इलाज मिलेगा। क्लीनिक में मेडिकल ऑफिसर के साथ फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, एएनएम, लैब टेक्निशियन और मल्टी टास्क वर्कर की टीम उपलब्ध रहेगी। यहां हीमोग्लोबिन, टीएलसी, डीएलसी, प्लेटलेट काउंट, सीबीसी, ईएसआर, ब्लड ग्रुप, पेरीफेरल ब्लड फि ल्म, यूरिन, डेंगू, मलेरिया, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, थायराइड, शुगर, एसजीपीटी, एसजीओटी, ब्लीडिंग टाइम और क्लॉटिंग टाइम और यूरिक एसिड समेत 68 प्रकार की जांचें की जाएंगी और 120 प्रकार की दवाईयां उपलब्ध रहेंगी ।