इसके साथ ही मनोज खरे और मनोज द्विवेदी को संतोष कुमार शुक्ल लोक संप्रेषण पुरस्कार, डॉ केशव पांडे को हुक्मचंद नारद पुरस्कार, सुदेश गौड़ को माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही अन्य पत्रकारों को जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी पुरस्कार, रामेश्वर गुरु पुरस्कार, झाबरमल्ल शर्मा पुरस्कार, केपी नारायणन पुरस्कार, यशवंत अरगरे पुरस्कार, राजेन्द्र नूतन पुरस्कार, जगत पाठक पुरस्कार, आरोग्य सुधा पुरस्कार, होमई व्यारावाला पुरस्कार दिया गया।
मप्र में पत्रकारिता: उद्भव और विकास का विमोचन
इस अवसर पर मप्र हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित ‘मध्यप्रदेश में पत्रकारिता: उद्भव और विकास’ पुस्तक का विमोचन किया गया। अकादमी के संचालक आचार्य सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी पुस्तक पर समीक्षात्मक टिप्पणी की। बता दें कि पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले मीडियाकर्मियों को यह पुरस्कार हर साल माधवराव सप्रे स्मृति में मीडियाकर्मियों को प्रोत्साहन के लिए दिया जाता है। सन् 1984 में रानी कमलापति महल के पुराने बुर्ज से सप्रे संग्रहालय यात्रा की शुरूवात हुई थी।
स्थान की कमी पड़ने के बाद यह संग्रहालय आचार्य नरेन्द्रदेव पुस्तकालय भवन के ऊपर नगर निगम द्वारा बनवाया गया था। सप्रे संग्रहालय के तहत मध्यप्रदेश के चार विश्वविद्यालयों ने शोध केन्द्र के रूप में मान्यता भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय व छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान की गई थी।