नई भर्ती पर पहले तीन साल गांव में
नए भर्ती होने वाले शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पहले तीन साल की अवधि पूरी करनी होगी। पूरी सेवा में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में रहना अनिवार्य होगा। उन्हें इसका वचन पत्र देना होगा। हालांकि विशेष स्कूलों के लिए चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों को इसमें राहत दी जाएगी। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 5 से 10 साल सेवा देनी होगी।
बड़ा खतरा शहरी शिक्षकों पर
दस साल से शहरों में पदस्थ स्कूली शिक्षकों को नई नीति के प्रावधानों के तहत गांवों में भेजा जाएगा। दस साल ग्रामीण सेवा अनिवार्य होने के कारण जो अब तक गांवों में नहीं गए, उन्हें अनिवार्य रूप से भेजा जाएगा। ये स्वैच्छिक आवेदन भी दे सकेंगे।
मंत्री के स्टाफ में नहीं जा सकेंगे
शिक्षक-प्राचार्य संवर्ग के लिए यह अनिवार्यता है कि उनकी प्रतिनियुक्ति या अन्य प्रकार की पदस्थापना किसी भी मंत्री या जनप्रतिनिधि के स्टाफ में नहीं हो सकेगी।
कम नंबर आए तो भी होगा ट्रांसफर
बता दें कि परफॉर्मेंस बेस्ड ट्रांसफर का मतलब है कि यदि उत्कृष्ट एवं मॉडल स्कूलों के साथ नगरीय क्षेत्रों के हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में परिणाम 60% से कम हैं और शेष हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में 40% से कम हैं तो प्राचार्य का तबादला ग्रामीण क्षेत्रों के दूरस्थ स्कूलों में किया जाएगा। यही व्यवस्था विषय के टीचरों के लिए क्रमशः 70% व 50% से कम परिणाम पर भी लागू होगी। यानी जिस टीचर के सब्जेक्ट में बच्चों के 70% से कम अंक आते हैं उनका तबादला किया जाएगा।
प्रतिनियुक्ति के नियम
प्रतिनियुक्ति केवल विशेष परिस्थितियों में ही होगी। प्राचार्य-सहायक संचालक या उससे वरिष्ठ पदों के स्वैच्छिक आवेदन ऑनलाइन रहेंगे पर निराकरण ऑफलाइन होगा। प्रथम श्रेणी अधिकारियों के स्थानांतरण मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किए जाएंगे।
नीति में ये भी अहम-
- दूसरे जिले या संभाग के शिक्षक को प्रमोशन के पद पर पदस्थ नहीं किया जा सकेगा।
- पहले प्राथमिकता के आधार पर प्रशासनिक और फिर स्वैच्छिक ट्रांसफर होंगे। स्वैच्छिक तबादले के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देना होगा।
- गंभीर शिकायतों, प्रतिनियुक्ति से वापसी, कोर्ट निर्णय के पालन और स्कूलों में खाली पद भरने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तबादले किए जाएंगे।
- तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा व 40 प्रतिशत या उससे ज्यादा दिव्यांगता पर तबादले से छूट।
- शादी के कारण पति-पत्नी के कार्यनिवास को लेकर तबादले में छूट दी जाएगी। गंभीर बीमारी, परिवार में गंभीर बीमारी, राज्य-राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार, शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम आदि का तबादलों में ध्यान रखा जाएगा।
जानिए, नीति कब से और कैसे लागू होगी.
- अगले शिक्षा सत्र 2023-24 से लागू होगी नई नीति
- तबादले में वरीयता क्रम को प्राथमिकता दी जाएगी
- 31 मार्च से 15 मई के बीच ही हर साल होंगे तबादले
- तबादले इस प्रकार होंगे कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो
-एक बार स्वैच्छिक तबादले पर विशेष परिस्थिति छोड़ 3 साल रुकना ही होगा
-उत्कृष्ट, मॉडल व सीएम राइज स्कूलों में स्वैच्छिक तबादले नहीं होंगे
-एक मार्च तक पोर्टल पर खाली पदों की जानकारी अपलोड करना अनिवार्य