भक्ति शर्मा मार्च 2015 में भोपाल से सटे फंदा ब्लॉक के बरखेड़ी गांव की सरपंच चुनी गई। उस वक्त भक्ति शर्मा 25 साल की थीं। भक्ति शर्मा जब चुनाव जीतकर आईं तो ज्यादातर अखबारों की सुर्खियों में थीं। चर्चा इसलिए ज्यादा हो रही थी कि भक्ति शर्मा अमेरिका से यहां आई थी। अपनी सोच और जज्बे के सहारे भक्ति ने पंचायत की पूरी तस्वीर बदल दी है।
इसे भी पढ़ें: सरपंच चुनी जाने के बाद राष्ट्रीय फलक पर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। अमेरिका के टेक्सास लौटकर आईं भक्ति ने हिंदुस्तान में यंग जेनरेशन के लिए एक आइकॉन बनीं। साथ ही देश की 100 लोकप्रिय महिलाओं की सूची में भक्ति शर्मा का नाम भी दर्ज हो गया। भक्ति शर्मा ने राजनीति शास्त्र से एमए किया है। साथ ही वह वकालत की पढ़ाई भी कर रही हैं।
ऐसा है अंदाज
राजधानी भोपाल से करीब 16 किलोमीटर दूर भक्ति शर्मा के पंचायत का नाम बरखेड़ी अब्दुल्ला है। भक्ति पंचायत के लोगों के साथ हमेशा इंटरएक्शन करती हैं, उनकी समस्याओं को सुनती हैं। हमेशा लोगों को अहसास करवाती हैं कि हम आपके के बीच की ही हैं। भक्ति के शौक की अगर बात करें तो उन्हें ट्रैक्टर चलाना, गाड़ी ड्राइव करना और पिस्टल रखना पसंद है।
राजधानी भोपाल से करीब 16 किलोमीटर दूर भक्ति शर्मा के पंचायत का नाम बरखेड़ी अब्दुल्ला है। भक्ति पंचायत के लोगों के साथ हमेशा इंटरएक्शन करती हैं, उनकी समस्याओं को सुनती हैं। हमेशा लोगों को अहसास करवाती हैं कि हम आपके के बीच की ही हैं। भक्ति के शौक की अगर बात करें तो उन्हें ट्रैक्टर चलाना, गाड़ी ड्राइव करना और पिस्टल रखना पसंद है।
ऐसे बदलीं पंचायत की तस्वीर
एक नई सोच के साथ भक्ति शर्मा ने अपने पंचायत की कमान संभाली थी। उन्होंने अपने पंचायत को पहले ओडीएफ बनाया। साथ ही पंचायत के हर व्यक्ति के बैंक खाते खुलवाए। गरीबों के राशनकार्ड बनवाए औऱ किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाया।
एक नई सोच के साथ भक्ति शर्मा ने अपने पंचायत की कमान संभाली थी। उन्होंने अपने पंचायत को पहले ओडीएफ बनाया। साथ ही पंचायत के हर व्यक्ति के बैंक खाते खुलवाए। गरीबों के राशनकार्ड बनवाए औऱ किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाया।
बेटियों के लिए की पहल
भक्ति शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने सरपंच बनते ही सबसे पहला काम गांव में हर बेटी के जन्म पर दस पौधे लगाना और उनकी मां को अपनी दो महीने की तनख्वाह देना। उन्होंने सरपंच की तनख्वाह को लोगों को सरपंच मानदेय के नाम शुरू की।
भक्ति शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने सरपंच बनते ही सबसे पहला काम गांव में हर बेटी के जन्म पर दस पौधे लगाना और उनकी मां को अपनी दो महीने की तनख्वाह देना। उन्होंने सरपंच की तनख्वाह को लोगों को सरपंच मानदेय के नाम शुरू की।
पंचायत भवन बनवाया
जब भक्ति शर्मा सरपंच बनीं थीं तो उनके पंचायत में को पंचायत भवन नहीं था। उन्होंने वहां पंचायत भवन का भी निर्माण करवाया। पीएम मोदी की हैं सपोर्टर
भक्ति शर्मा के फेसबुक एकाउंट पर जाएंगे तो उनकी जो तस्वीरें मिलेंगी वो या तो पंचायत के लोगों के साथ मिलेंगी या फिर किसी कार्यक्रम नजर आती हैं। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान भक्ति शर्मा मोदी के सपोर्ट में पोस्ट करती रहीं। उन्होंने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को भी वोट देने की अपील की थी।
जब भक्ति शर्मा सरपंच बनीं थीं तो उनके पंचायत में को पंचायत भवन नहीं था। उन्होंने वहां पंचायत भवन का भी निर्माण करवाया। पीएम मोदी की हैं सपोर्टर
भक्ति शर्मा के फेसबुक एकाउंट पर जाएंगे तो उनकी जो तस्वीरें मिलेंगी वो या तो पंचायत के लोगों के साथ मिलेंगी या फिर किसी कार्यक्रम नजर आती हैं। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान भक्ति शर्मा मोदी के सपोर्ट में पोस्ट करती रहीं। उन्होंने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को भी वोट देने की अपील की थी।
7 जून को शी कॉनक्लेव को करेंगी संबोधित
वहीं, एक बार फिर से भक्ति शर्मा 7 जून को इंदौर में आयोजित शी कॉनक्लेव को संबोधित करेंंगी। इसका आयोजन फीकी के द्वारा करवाया गया है। इसमें स्त्रियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में वैसी महिलाएं शामिल होंगी जिन्होंने अपने दम पर समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है।
वहीं, एक बार फिर से भक्ति शर्मा 7 जून को इंदौर में आयोजित शी कॉनक्लेव को संबोधित करेंंगी। इसका आयोजन फीकी के द्वारा करवाया गया है। इसमें स्त्रियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में वैसी महिलाएं शामिल होंगी जिन्होंने अपने दम पर समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है।