इन लोगों से कुछ सवाल पूछे जाते हैं और उसके आधार पर आगे कार्यवाही की जाती है। लोगों की जो समस्याएं सामने आने के बाद उनको तत्काल दूर भी किया जा रहा है। ये पूरी रिपोर्ट उर्जा मंत्री को भेजी जा रही है। सरकार की कोशिश है कि उपभोक्ताओं के फीडबैक के आधार पर ही बिजली से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याओं को भी सुलझाया जा सकता है। इंदिरा ज्योति योजना के लागू होने के बाद सरकार ये भी पता लगा रही है कि कहीं पात्र लोग इससे वंचित तो नहीं रह गए।
इस तरह किया जा रहा सर्वे :
पूर्व,पश्चिम और मध्यक्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनियों के कॉल सेंटर रोजाना 500-500 लोगों को फोन लगाते हैं। इन लोगों से कुछ सवाल पूछे जाते हैं। लोगों से पूछा जाता है कि वे बिजली की मौजूदा व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं या नहीं। यदि लोगों का जवाब नहीं होता है तो उनसे इसके कारण भी पूछे जाते हैं। बिजली कटौती से लेकर मीटर रीडिंग और बिल भुगतान से जुड़ी चीजों पर भी उनका फीडबैक लिया जा रहा है।
लोगों से ये भी पूछा जा रहा है कि वे बिजली व्यवस्था में किस तरह का सुधार चाहते हैं और उनकी सरकार से क्या अपेक्षाएं हैं। इन कॉल को रिकॉर्ड किया जाता है और जो समस्याएं सामने आती हैं उनको तत्काल संबंधित अधिकारियों को भेज दिया जाता है। कॉल सेंटर उन उपभोक्ताओं से तब तक संपर्क में रहता है जब तक उनकी समस्याएं दूर नहीं हो जाती और वे सरकार से संतुष्ट नहीं हो जाते।