scriptSatpura building fire: Western wing will not work | सतपुड़ा भवन की आग : काम नहीं आ सकेगी पश्चिमी विंग | Patrika News

सतपुड़ा भवन की आग : काम नहीं आ सकेगी पश्चिमी विंग

locationभोपालPublished: Jun 21, 2023 10:54:02 pm

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- बिल्डिंग का हो रहा स्ट्रक्चरल हेल्थ ऑडिट, लोहा तक पिघल जाए, इससे ज्यादा भयावह आग थी, दीवारों के अंदर का लोहा, पाइपलाइन व वायरिंग पिघलने का खतरा
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jitendra.chourasiya@भोपाल। सतपुड़ा भवन की आग ने पश्चिमी विंग को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। आलम अब ऐसे हैं कि इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के स्टेण्डर्ड मापदंडों के हिसाब से प्रभावित पश्चिमी विंग वापस इस्तेमाल लायक नहीं रही। अभी सात सदस्यीय विशेष टीम इस बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल हेल्थ ऑडिट कर रही है। यह ऑडिट इन्हीं मापदंडों के आधार होगा। इसके तहत सामान्यत: 700 से 800 डिग्री सेल्सियस तक आग लगने वाली बिल्डिंग को वापस उपयोग नहीं माना जाता। वजह ये कि 1500 डिग्री सेल्सियस तक आग पहुंचने पर लोहा तक पिघल जाता है। सतपुड़ा भवन की आग तो 1700 डिग्री सेल्सियस पार तक पहुंची है। इसलिए स्टेण्डर्ड नियमों के हिसाब से इसका उपयोग अब मुश्किल है। हालांकि अभी इस पर फैसला लिया जाना बाकी है।
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10 जुलाई तक इस पर रिपोर्ट-
लोक निर्माण विभाग की सात सदस्यीय विशेष टीम बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल हेल्थ ऑडिट कर रही है। इसमें बिल्डिंग के उपयोग को लेकर हर पहलु देखा जा रहा है। इसके तहत कितने टेम्प्रेचर तक आग पहुंची और अब बिल्डिंग उपयोग लायक है या नहीं इसे देखा जाना है। यह कमेटी 10 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देगी।
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ऐसी है बर्बादी-
हाईपॉवर कमेटी के प्रमुख गृह विभाग के एसीएस डा. राजेश राजौरा की रिपोर्ट में पश्चिमी विंग में आग से 2542 वर्गमीटर हिस्सा पूरी तरह बर्बाद हुआ है, जबकि 1671 वर्ग मीटर क्षेत्र आंशिक रूप से बर्बाद हुआ है। जबकि, आग 1700 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गई थी, जिससे छत के लोहे तक कई जगह पिघले हैं। सामान्यत: ये माना जाता है कि दीवार के अंदर की वायरिंग, पाइल लाइन और लोहे की पतली छड़े पिघली हो सकती है। इसलिए इसे लेकर स्टेण्डर्ड मापदंडों को देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान छठवीं और चौथी मंजिल पर हुआ है। छठवीं मंजिल पर 878.36 और चौथी मंजिल पर 827 वर्गमीटर हिस्सा पूरी तरह बर्बाद हुआ है। बाकी तीसरी, पांचवीं व छठवीं मंजिल पर भी आग से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन ग्राउंड फ्लोर, प्रथम व द्वितीय मंजिल पर आग नहीं थी। इसलिए इस हिस्से को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ऊपर की मंजिलों को उपयोग में लाना मुश्किल है। ऐसे में इन्हें वापस बनाने की भी जरूरत लग सकती है या फिर भारी पैमाने पर पुनर्निमाण करना होगा।
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अभी ऐसी स्थिति-
पूर्वी विंग- अभी ऑफिस शुरू कर दिए हैं। बिजली की आपूर्ति अलग करके टेस्टिंग कर ली है। बुधवार तक आपूर्ति शुरू नहीं की।
पश्चिमी विंग- केवल ग्राउंड फ्लोर पर एनआईसी सेंटर को चलाने की मंजूरी देना तय किया है। बाकी पूरी बिल्डिंग अभी बंद ही रहेगी।
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1700 डिग्री सेल्सियस थी सतपुड़ा की आग, ऐसे में जानिए कितने डिग्री सेल्सियस तापमान पर क्या पिघलता है-
लोहा- 1510 डिग्री सेल्सियस
स्टील- 1370 डिग्री सेल्सियस
कांच- 700 से 1500 डिग्री सेल्सियस
प्लास्टिक- 130 डिग्री सेल्सियस
सीमेंट की पकड़ कमजोर होती- 500 डिग्री सेल्सियस या ज्यादा पर
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नुकसान ऐसे जानिए-
- 2542.44 वर्गमीटर पूर्णत: क्षतिग्रस्त क्षेत्र
- 1671.00 वर्गमीटर आंशिक क्षतिग्रस्त क्षेत्र
- 634.52 वर्गमीटर पूर्णत: क्षतिग्रस्त तीसरी मंजिल
- 827.06 वर्गमीटर पूर्णत: क्षतिग्रस्त चौथी मंजिल
- 202.50 वर्गमीटर पूर्णत: क्षतिग्रस्त पांचवीं मंजिल
- 878.36 वर्गमीटर पूर्णत: क्षतिग्रस्त छठवीं मंजिल
- 24 करोड़ का बताया है पश्चिमी विंग में नुकसान
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