गांवों में फैला रही जागरुकता
विशाखा अभी तक 1500 किमी की राइड कर चुकी हूं और 4500 किमी राइड करूंगी। यात्रा जबलपुर, अमरकंटक, नरसिंहपुर से होते हुए 7 मार्च को ओंकारेश्वर पर खत्म होगी। वे जिन-जिन शहरों से निकलती हैं लोगों को नदियों में स्वच्छता के महत्व को समझाती हैं। उनका कहना है कि कई लोग बात सुनते हैं तो कई हंसी में टाल देते हैं। मेरा विचार है कि यदि एक गांव में दस लोग भी जागरूक हो गए तो मेरा मकसद सफल हो जाएगा।
ब्लॉग से भी करती हूं मोटिवेट
उन्होंने बताया कि मेरा खुद का यू-ट्यूब चैनल है और मैं मोटिेवेशनल ब्लॉग्स लिखती हूं। मेरे नाम पर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दो रिकॉर्ड पहली फस्र्ट फीमेल मोटो ब्लॉगर ऑफ इंडिया और फस्र्ट फीमेल राइडर ऑफ अंडमान-निकोबार दर्ज है। उन्होंने बताया कि आज भी समाज में लड़कियों को लेकर रूढि़वादी सोच है। जब मैं बाइक चलाना सिखती थी तब भी लोगों ने कहा कि बाइक चलाकर क्या करोगी। सोलो राइड करना शुरु किया तो भी कहा गया कि लड़कियों के लिए ये सही नहीं है।