इस पद के लिए प्रशासनिक सेवा में दस साल का अनुभव रखने वाले से ही आवेदन मांगे गये जबकि सेवारत से आवेदन मांगे जाने थे। इसके अलावा विमानन संचालनालय को जीएडी के संविदा नियमों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया शुरु करना थी लेकिन उसने स्वयं ही अर्हतायें जारी कर दीं. नियमानुसान इन अर्हताओं के लिये राज्य शासन से पूर्वानुमति जरूरी थी।
इस गड़बड़ी का पता तब चला जब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई. इसके साथ ही विमानन विभाग में इस भर्ती के बारे में सारे दस्तावेज मांग लिये गए। शिकायत में कहा गया है कि एओ के पद पर संविदा आधार पर भर्ती करने के लिये विमानन संचालनालय ने मनमर्जी से अर्हतायें शामिल कर भर्ती हेतु आवेदन मांगे। शिकायत में इसे व्यापम जैसा घोटाला बताया गया।
विमानन विभाग ने इस शिकायत का जांच प्रतिवेदन संचालनालय से तलब कर लिया है- विमानन विभाग ने इस शिकायत का जांच प्रतिवेदन संचालनालय से तलब कर लिया है. इस भर्ती के लिये विमानन विभाग ने जीएडी के नियमों के अनुसार भर्ती की कार्यवाही करने के लिये कहा था परन्तु ऐसा नहीं किया गया. संचालनालय ने अर्हतायें विभाग से स्वीकृत कराये बिना ही आवेदन मंगा लिये। इधर इस संबंध में विभागीय अधिकारी ने बताया कि एओ की भर्ती के लिये शासन स्तर से ही कार्यवाही होना है. इस संबंध में आई शिकायत पर कार्यवाही की जा रही है।