जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले प्रदेश में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रध्यापक पद हेतु परीक्षा आयोजित की गई। जिसका परिणाम अगस्त माह में अलग अलग तिथियों को घोषित किया गया। भौतिक शास्त्र की चयन सूची 19 अगस्त को एंव अर्थशास्त्र की चयन सूची 21 अगस्त को जारी की गई। इस बीच दुर्गेश नंदिनी गायकवाड़ द्वारा मीडिया कर्मियों को बताया गया कि उनसे कम अंक वाले प्रतिभागियों को सिलेक्ट कर लिया गया। मामले की जानकारी मिलते ही जिम्मेदारों द्वारा आनन फानन में 24 और 27 अगस्त को भौतिक, अर्थशास्त्र के प्रतिभागियों की नवीन सूची यह कहते हुए जारी कर दी गई कि कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में त्रुटि के कारण दुर्गेश नंदिनी को सिलेक्ट कर लिया गया।
कई प्रतिभागी हो चुके होंगे हक से वंचित
गुरूवार को इसी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग के लिए पूर्व एडीजीपी विजय वाते अतिथि विद्वान देवराज सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता अक्षय हुंका, विनायक परिहार, भदभदा रोड स्थित सायबर सेल कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को लिखित आवेदन सौंपते हुए यह कहा कि जब परिक्षा परिणामों के लिए एक ही सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। जब विभाग को साफ्टवेयर में त्रुटि की जानकारी मिली तो उन्होंने आनन फानन में एक ही व्यक्ति का नाम जोड़कर नई सूची जारी कर दी। यह बात संशय पैदा करती है कि जिम्मेदारों द्वारा जानबूझ कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।