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अधिकतर निजी स्कूलों ने नहीं दी बस्तों के वजन की जानकारी

locationभोपालPublished: Jan 13, 2019 12:37:38 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

जिन्होंने जानकारी नहीं दी, उन्हें दोबारा लिखा पत्र

school bag

अधिकतर निजी स्कूलों ने नहीं दी बस्तों के वजन की जानकारी

राधेश्याम दांगी भोपाल. पहली से 10वीं तक के निजी व सरकारी स्कूली छात्रों के बस्तों का वजन नापने के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग सफल नहीं हो पाया। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के बस्तों का वास्तविक वजन तो सामने आ गया, लेकिन अधिकतर निजी स्कूलों ने इसकी रिपोर्ट ही नहीं दी। रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला प्रशासन को दी गई थी, लेकिन दो महीने बाद भी इसकी सही रिपोर्ट सामने नहीं आ पाई है। कस्बों और ग्रामीण इलाकों के निजी स्कूलों के बच्चों के बस्तों के वजन और सरकारी स्कूलों के बच्चों के बस्तों के वजन की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर अमल करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के कक्षावार बस्तों का वजन कितना होना चाहिए और बच्चों के बस्तों के बोझ को कम कैसे किया जाए, इसको लेकर सरकारी-निजी स्कूलों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। विभाग द्वारा तैयार करवाई गई रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों के बच्चों के बस्ते का वजन पहले ही तय मानकों के समान पाया गया हैं। वहीं, जिन निजी स्कूलों का डाटा रिपोर्ट में शामिल किया गया है, उनमें पाया गया है कि निजी स्कूल में पढऩे वाले हर बच्चे के बस्ते का बोझ 20-30 प्रतिशत तक ज्यादा पाया गया है। इनमें भी कई बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों के बच्चों के बस्तों का वजन शामिल ही नहीं है।
नीति बनाने में आएगी बाधा

निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों के बस्तों के वजन के आधार पर एक नीति बनाने में दिक्कत आ सकती है। सटीक डाटा के अभाव में सही आकलन भी नहीं हो पाएगा। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि सरकारी की अपेक्षा निजी स्कूलों के बस्तों का 20-30 प्रतिशत अधिक वजन को आधार मानकर नीति बनाई जाएगी। यह नीति महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों की तर्ज पर आधारित होगी। बताया जा रहा है कि 10वीं के बच्चे के बस्ते का वजन 6-7 किलो है पाया गया है, जबकि अधिकतम पांच किलो ही वजन होना चाहिए।
यह मानक सामने आए, जिन्हें किया जाएगा लागू

पहली व दूसरी के बच्चों के बस्तों का 1.5 किलो वजन।

तीसरी-चौथी के बच्चों के बस्तों का 2-3 किलो।

पांचवी व छठवीं के बच्चों के बस्तों का 4 किलो।
सातवीं-आठवीं के बच्चों के बस्तों का वजन 4.5

10वीं के बच्चों के बस्तों का वजन अधिकतम 5 किलो होना चाहिए।

सामान्यत: सरकारी स्कूलों के बच्चों के बस्तों का वजन इन्हीं मानकों के अनुसार पाया गया। लेकिन निजी स्कूलों के बच्चों के बस्तों का वजन तय मानक से 3-4 किलो अधिक सामने आया है। सरकारी स्कूलों के बच्चों के बस्तों का कम वजन की एक बड़ी वजह यह सामने आई है कि इन्हें, पानी की बॉटल, टिफिन, वर्क बुक, नोटबुक आदि लेकर जाने की बाध्यता नहीं है। जबकि निजी स्कूलों में इस सामग्री से ही एक से डेढ़ किलो वजन बढ़ जाता है।
निजी स्कूलों में 10-20 फीसदी अधिक वजन सामने आया है। सरकारी स्कूलों की डाटा रिपोर्ट आ गई। इस पर अमल करने के लिए हमने जिलों को आदेश भी जारी कर दिए हैं। बच्चों के बस्तों का बोझ कम हो यह हमारी प्राथमिकता है।
आइरिन सिंथिया जेपी, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र

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