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थम गए बस के पहिए, वाहन चालकों को समझाने में प्रशासन नाकाम

locationभोपालPublished: Jan 17, 2018 10:18:19 am

– एडीएम बोलीं इतनी बैठकों के बाद भी बस खड़ी करने की धमकी दी जा रहीं हैं, एेसे हालात क्यों बन रहे हैं, डेढ़ घंटा बहस के बाद बेनतीजा रही बैठक

meeting

school bus operators meeting

भोपाल। अगर आप बच्चे को स्कूल भेजने के लिए बस या वैन का इंतजार कर रहे हैं तो मत कीजिए, क्योंकि स्कूल वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। स्कूल बस, वैन की जांच में सख्ती के बाद वाहन चालकों में रोष है। हड़ताल की धमकी के बाद बुधवार को एडीएम दिशा नागवंशी ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया था। डेढ़ घंटे चली बैठक में दोनों पक्षों में बहस होती रही, आखिर में बैठक बेनतीजा खत्म हुई।

लाइव अपडेट
– स्कूल वाहन की हड़ताल से परिजनों ने बच्चों को छोड़ा स्कूल
– वैन संचालक कैम्पियन स्कूल में करेंगे मीटिंग
– सेंट जोसफ को एड में वाहनों की लगी लंबी लाइन

अवकाश की घोषणा

चालकों ने बाहर आकर एक दिवसीय अवकाश की घोषणा कर दी। अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है, कई स्कूल ने तो देर शाम को ही अवकाश के मैसेज पेरेंट्स को भेज दिए हैं। एक दिन की अघोषित हड़ताल से 7500 वैन और बसों के पहिए थम जाएंगे। स्कूल वाहन चालकों के पुलिस वैरिफिकेशन को लेकर शुरू हुई बहस के बाद वाहन चालक एक के बाद एक शिकायतों की झड़ी लगाए रहे, हालात ये हो गए कि एडीएम को बीच बैठक में बोलना पड़ा कि ‘इतनी बैठकों के बाद बस खड़ी कर हड़ताल की धमकी दी जा रही है, एेसे हालात क्यों बन रहे हैं। हमनें किसी को वैरिफिकेशन कराने के लिए नहीं कहा है।

 

वाहन चालक बोले हम काफी प्रेशर में हैं

शिव कुमार : मैडम हम लोग जांच की कार्रवाई से काफी प्रेशर में हैं, जांच के नाम पर नाकेबंदी सी की जा रही है। 6 हजार कमाने वाले चालक का ३ हजार का चालान काटा जा रहा है। स्कूल वाले हाथ खड़े कर देते हैं।
-एडीएम : आप लोग सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन का पालन कीजिए, फिर दिक्कत नहीं होगी।

-सुनील दुबे : 90 फीसदी बसों में गाइडलाइन का पालन होता है, इसके बाद भी आरटीओ और थाने में बसें जब्त कर खड़ी की जा रही हैं।
– एडीएम : तेज रफ्तार वाहन चालक के खिलाफ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी, स्पीड गवर्नर से गति का नियंत्रण अनिवार्य है।

– शिव कुमार : फील्ड में हमें परेशानी होती है, बस रोकने के बाद चालक से मोबाइल छीन लिया जाता है। स्कूल वाले हाथ खड़े कर देते हैं।

 

ये रखी मांगें
1. बस रोकने के बाद चालक से फोन छीन लिया जाता है, अब वो कैसे जानकारी दे।

2. चालक के पुलिस वैरिफिकेशन के लिए काफी समय लगता है, काफी परेशानी होती है।
3. बस में स्पीड गवर्नर लगा है फिर भी सर्टिफिकेट और गवर्नर पर सील मैच की जा रही है, जबकि लगा वो आरटीओ से है।

4. स्कूलों में सर्वे कराया जाए, हमें प्रति बच्चे 750 से 1200 रुपया मिलता है, स्कूल वाले लेते हैं 1200 से 1500, रुपए।
6. मैजिक में बच्चे ज्यादा हों तो चालान काट दिया जाता है, एक गाड़ी को चार-चार बार रोका जाता है।

7. बस को जब्त करने के बाद अगले दिन छोड़ा जाता है, जिससे स्कूल की छुट्टी हो जाती है।

 

ये सुझाए समाधान
1. एएसपी ट्रैफिक बोले बस रोकने के बाद चालक का मोबाइल नहीं छीना जाएगा।
2. एडीएम बोलीं, पुलिस वैरिफिकेशन के लिए ट्रैफिक पुलिस में अलग से विंडो खुलवा दी जाएगी।
3. आरटीओ लेखाधिकारी गुणवंत बोले कि हम गवर्नर लगाते ही सर्टिफिकेट पर मुहर का ध्यान रखवाएंगे। गड़बड़ी करने वाले के खिलाफ एफआईआर भी कराएंगे।
4. दूसरे जिले से आने वाली बसों को जांच के नाम पर नहीं रोका जाएगा।
5. बस में एक भी छात्रा रहेगी तो उसमें महिला अटेंडर का रहना जरूरी है।

मान्यता खत्म करने के लिए जारी होंगे नोटिस

जागरुक भोपाल पोर्टल पर अभी तक सिर्फ 86 स्कूलों ने अपनी बसों की जानकारी अपडेट कराई है। जिन स्कूलों ने अभी तक जानकारी नहीं दी है, उनके खिलाफ बुधवार से नोटिस जारी किए जाएंगे, मान्यता खत्म करने के लिए भी लिखा जाएगा।

 

हम बातचीत से सहमत नहीं हैं, बुधवार को एक दिवसीय अवकाश पर रहेंगे और आगे क्या करना है इसकी रणनीति बनाएंगे।

– शिव कुमार सोनी, अध्यक्ष, मप्र स्कूल वाहन चालक सेवा समिति

हमनें उनसे बातचीत की है, उनकी समस्या का समाधान भी किया है, जिन स्कूलों ने जागरुक भोपाल पोर्टल पर जानकारी हीं दी है उनको नोटिस जारी होंगे।

– दिशा नागवंशी, एडीएम, हेडक्वार्टर

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