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कहीं आपका बच्चा खटारा बस से तो नहीं जा रहा स्कूल, क्योंकि नियम विरुद्ध दौड़ रहे हैं वाहन

locationभोपालPublished: Feb 02, 2020 01:39:20 am

तेज रफ्तार स्कूल बसों में निगरानी सिस्टम फेल, एक भी स्कूल में नहीं बनी अभिभावकों की समिति, वाहन जब्ती की कार्रवाई लंबित होने से धड़ल्ले से दौड़ रहे खटारा वाहन

कहीं आपका बच्चा खटारा बस से तो नहीं जा रहा स्कूल, क्योंकि नियम विरुद्ध दौड़ रहे हैं वाहन

कहीं आपका बच्चा खटारा बस से तो नहीं जा रहा स्कूल, क्योंकि नियम विरुद्ध दौड़ रहे हैं वाहन

भोपाल. निजी स्कूल प्रबंधनों की मनमानी के चलते शहर में तेज रफ्तार से दौड़ रहीं खटारा स्कूल बसों में बैठकर सफर करने वाले मासूमों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। यूपी और दिल्ली से खटारा बसों को एमपी लाकर इन्हें स्कूल वाहनों के रूप में संचालित किया जा रहा है। इन बसों में इमरजेंसी गेट, सीसीटीवी, ट्रेंड वार्डन, हेल्पर, कंडक्टर और मेडिकल किट का अभाव है। शासन की नई स्कूल बस पॉलिसी के तहत परिवहन विभाग ने सभी निजी स्कूलों को अभिभावकों, स्कूल बस मालिकों के साथ मिलकर निगरानी समिति गठित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दो महीने में शहर के एक भी स्कूल में इन समितियों का गठन नहीं हुआ है। मनमानी करने वाले निजी स्कूलों में शाहपुरा स्थित कैंपियन, सेंट जोसेफ कोएड, सेंट जेवियर्स, कार्मल कॉन्वेंट, सागर पब्लिक स्कूल और ओरियंटल स्कूल सहित अन्य निजी स्कूल शामिल हैं।

ये में स्कूल बस फिटनेस के पैरामीटर
1. ब्रेक लाइट और टर्न लाइट चालू हालत में हो।
2. प्रेशर हार्न मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार हो।
3. मेक और मॉडल में बदलाव नहीं हो।
4. अगले टायर में ग्रिप होना चाहिए। रिमोल्डिंग न हो।
5. टूल किट, फस्र्ट बॉक्स व अग्निशामक यंत्र हो।
6. बच्चे खिड़की से बाहर सिर न निकालें इसके लिए लोहे की राड या जाली लगी हो।
7. गाड़ी के कांच में ही फिटनेस की तारीख, रूट की जानकारी अंकित हो।
8. बस जिस स्कूल में चलती हो उसका नाम, फोन नंबर अंकित हो।
9. शैक्षणिक संस्थान की बस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइड लाइन का पालन करना सुनिश्चित हो।

लापरवाही के चलते ये हादसे हुए
– सेंट जोसेफ कोएड की तेज रफ्तार स्कूल बस पिछले सप्ताह 6 नंबर बस स्टॉप पर मिनी बस से टकराकर पलट गई थी। घटना के समय बस में बच्चे नहीं थे।
– मुरैना में प्रायवेट स्कूल से अटैच एक अवैध ऑटो के चालक सहित स्कूली बच्चों की हादसे में मौत हो गई थी।
– राजधानी में तीन साल पहले बोर्ड ऑफिस चौराहे पर स्कूल बस हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई थी।

स्कूल बसों को गाइड लाइन के तहत संचालित करने में निजी स्कूल प्रबंधनों का सहयोग नहीं मिल रहा है। यही कारण है वाहन मालिक मनमानी कर रहे हैं। रिपोर्ट शासन को भेजी है, जल्द ही सख्ती से वाहनों की जब्ती की जाएगी।
टीपीएस भदौरिया, प्रभारी, परिवहन उडऩदस्ता

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