ये में स्कूल बस फिटनेस के पैरामीटर
1. ब्रेक लाइट और टर्न लाइट चालू हालत में हो।
2. प्रेशर हार्न मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार हो।
3. मेक और मॉडल में बदलाव नहीं हो।
4. अगले टायर में ग्रिप होना चाहिए। रिमोल्डिंग न हो।
5. टूल किट, फस्र्ट बॉक्स व अग्निशामक यंत्र हो।
6. बच्चे खिड़की से बाहर सिर न निकालें इसके लिए लोहे की राड या जाली लगी हो।
7. गाड़ी के कांच में ही फिटनेस की तारीख, रूट की जानकारी अंकित हो।
8. बस जिस स्कूल में चलती हो उसका नाम, फोन नंबर अंकित हो।
9. शैक्षणिक संस्थान की बस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइड लाइन का पालन करना सुनिश्चित हो।
लापरवाही के चलते ये हादसे हुए
– सेंट जोसेफ कोएड की तेज रफ्तार स्कूल बस पिछले सप्ताह 6 नंबर बस स्टॉप पर मिनी बस से टकराकर पलट गई थी। घटना के समय बस में बच्चे नहीं थे।
– मुरैना में प्रायवेट स्कूल से अटैच एक अवैध ऑटो के चालक सहित स्कूली बच्चों की हादसे में मौत हो गई थी।
– राजधानी में तीन साल पहले बोर्ड ऑफिस चौराहे पर स्कूल बस हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई थी।
स्कूल बसों को गाइड लाइन के तहत संचालित करने में निजी स्कूल प्रबंधनों का सहयोग नहीं मिल रहा है। यही कारण है वाहन मालिक मनमानी कर रहे हैं। रिपोर्ट शासन को भेजी है, जल्द ही सख्ती से वाहनों की जब्ती की जाएगी।
टीपीएस भदौरिया, प्रभारी, परिवहन उडऩदस्ता