पिछले वर्षों में कई स्कूल के बच्चों ने किसी न किसी कारण से स्कूल छोड़ दिया था। हम लोगों का प्रयास रहेगा कि हम अच्छी शिक्षा दे सके। जहां शिक्षा का स्तर अच्छा है उस देश और प्रदेश को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता। हम शिक्षा के साथ- साथ अलग अलग गतिविधि में आगे लाए ये हमारा प्रयास है। एक गांव में बैठा बच्चा भी आगे बढ़ सकता है बस उसको अवसर मिले।
बच्चों को तिलक लगाकर और फूल देकर शिक्षक ने किया स्वागत
दो महीने के ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सोमवार से प्राइवेट और सरकारी स्कूल खुल गए। स्कूलों में बच्चों की धमा-चौकड़ी और कक्षाएं शुरू हो गईं। पहले दिन स्कूल चलें हम अभियान के तहत 6 नंबर स्थित सरोजिनी नायडू स्कूल के शिक्षक ने बच्चों के तिलक लगाकर और फूल देकर स्वागत किया।
बच्चों को स्कूल से जोड़ने का निर्देश
सरकारी विद्यालयों में ‘ स्कूल चलें हम ’ के तहत बच्चों को किताबें, साइकिल वितरित की गयी। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी सुबह 9 बजे ‘स्कूल चलें हम’ अभियान की शुरुआत की। स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘ स्कूल चलें हम ’ अभियान को सफल बनाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जनपद शिक्षा केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि अधिक से अधिक बच्चों को स्कूलों से जोड़ा जाए।
स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम
‘ स्कूल चलें हम ’ अभियान अवसर पर प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में बाल सभाएं व अन्य कार्यक्रम किया गया। बाल सभाओं में गांव के गौरव, लोक गीत, और स्थानीय नाटकों की भी प्रस्तुति दी गयी। ‘ स्कूल चलें हम अभियान-2019 ’ के तहत शाला प्रबंधन समिति की बैठक और मातृ सम्मेलनों का भी आयोजन किया गया।
यहां नहीं पहुंचे बच्चे
राजधानी के 1100 वॉटर स्पीच राजा भोज स्कूल में DEd की परीक्षा होने की वजह से यहां बच्चे स्कूल नहीं पहुचें। इधर, भोपाल के कई सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या औसत से कम नजर आयी। ‘स्कूल चलें हम अभियान-2019’ को लेकर सभी जिलों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ने लक्ष्य रखा गया था।