को पोषण युक्त आहार मिल सकेगा वहीं इससे स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति भी बढऩे का अनुमान है। कोरोना संक्रमण काल में स्कूलों में कक्षाएं बंद होने के साथ विद्यार्थियों तक मध्याह्न भोजन पहुंचना बंद हो गया था। कुछ महीनों बाद विद्यार्थियों को लाभांवित करने के लिए उन्हें सूखा राशन प्रदान करने की व्यवस्था शुरू की गई थी। लेकिन सूखा राशन वितरण में पोषक दाल और तेल निरंतर नहीं पहुंच सका और कुछ ही त्रैमासिक वितरण में इसे शामिल किया जा सका। सूखे गेहूं, चावल से बच्चों को पोषण नहीं पहुंचने का सवाल भी उठता रहा है।
कोरोना संक्रमण के नियंत्रित होने के बाद जैसे ही स्कूल 100 फीसदी क्षमता से खुलने शुरू हुए, मध्याह्न भोजन पुन: दिए जाने की मांग भी उठने लगी। स्थितियां सामान्य होने के बीच सोशल डिस्टेसिंग के साथ मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय शासन की ओर से लिया गया है। जिले में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 80 हजार से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं, इस व्यवस्था से इन विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा।