बीएचईएल मैनेजमेंट ने 15 दिन पहले तीन यूनियनों के साथ मीटिंग करके स्कूल फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तीनों यूनियनों के प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद भी मैनेजमेंट यूनियनों की सहमति लिए बिना स्कूल फीस बढ़ाने का फैसला कर लिया। ऐसे में यूनियन और भेल कर्मचारियों ने नाराजगी है। वे स्कूल फीस में किए गए बढ़ोतरी को गैर कानूनी बता रहे हैं।
स्कूल फीस में बढ़ोतरी के साथ स्कूल बस के किराया में भी इजाफा किया गया है। जहां पहले 4000 रुपए स्कूल बस के लगते थे, अब 7000 रुपए बस फीस के नाम पर भरने होंगे। वहीं नॉन भेल कर्मचारी के बच्चों का स्कूल बस फीस 10450 रुपए कर दिए गया है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में भेल शिक्षा मंडल ने स्कूल बस संचालित करने में असमर्थता जताते हुए बस सेवा बंद कर दी थी, लेकिन भेल कर्मचारी और यूनियनों के विरोध के बाद स्कूल फीस में बढ़ोतरी के साथ सेवा देने को राजी हो गया।
-राघवेन्द्र शुक्ला, सीनियर भेल जनसंपर्क अधिकारी