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बेलगाम दौड़ रहीं स्कूल वैन,निजी स्कूलों की शहर-अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे वाहन चालक

locationभोपालPublished: Feb 17, 2020 08:59:15 am

नियम बनाकर भूली सरकार, बंद हो गई धरपकड़ की कार्रवाई…

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भोपाल। शहर में अवैध रुप से दौड़ रहे दो हजार से ज्यादा स्कूल वैननूमा वाहनों के पनपने के पीछे निजी स्कूल प्रबंधन, ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग से लेकर अभिभावक तक जिम्मेदार हैं।

भले इन वाहनों को अवैध घोषित किया जा चुका है लेकिन कम किराए पर स्कूल भेजने की फिकर में खुद अभिभावक अपने बच्चों को इनके हवाले कर देते हैं। नियम टूटने पर जब इन वाहनों की धरपकड़ होती है तो निजी स्कूल संचालक इन्हीं अभिभावकों की असुविधा का हवाला देकर मामले को दबा देते हैं।
सरकार ने 12 सीटर से कम क्षमता वाले वाहन और गैस किट चलित स्कूल वैनों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन अभी भी शहर में ऐसे वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं।
मैजिक एवं आपे में 12 सीट जरूरी

– परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक मैजिक एवं आपे में पीला रंग लगाकर स्कूल बस बनाने के मामलों में साफ किया गया है कि इनमें 12 बच्चों के बैठने की जगह होना चाहिए।
– निर्माता कंपनी की ओर से तैयार डिजाइन के अलावा यदि कोई मॉडीफिकेशन कराया जाता है तो इसे मान्य नहीं किया जा सकेगा।

– ट्रैवलर एवं बड़ी बसों में 12 से 32 सीटों का होना अनिवार्य है।
निजी स्कूल संचालकों की मनमानी और अभिभावकों के विरोध ही कार्रवाई के आड़े आ जाता है। स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। चेकिंग और जब्ती लगातार जारी है।

– टीपीएस भदौरिया, प्रभारी, उडऩदस्ता
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