15 तारीख से खोलने का बन रहा शेड्यूल
स्कूल शिक्षा विभाग सितंबर से इसका शेड्यूल बनाने में जुट गया है। हालांकि इन कक्षाओं को खोलने से पहले अब तक पूर्व की कक्षाओं का कोई फीडबैक नहीं लिया गया हैं। बता दें कि लंबे समय से निजी स्कूल संचालक पूरी तरह स्कूल खोलने का दबाव बना रहे हैं।
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स्कूल संचालकों की दो मांग
निजी स्कूल संचालक स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने दो मांगें रखी, इनमें एक पहली से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू करने की थी। दूसरी, नौंवी से बारहवीं तक की कक्षाएं हर दिन लगाने की मांग थी। मंत्री ने पहली से आठवीं तक की कक्षाए 1 या 15 सितंबर से शुरू करने की बात कही है।
50% क्षमता का फॉर्मुला
यदि पहली से आठवी तक की कक्षाएं होती हैं तो वह भी शुरुआत में 50 फीसदी क्षमता लगेंगी। यानी हफ्ते में एक या दो दिन प्रति कक्षा को लगाया जाएगा। वहीं स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के जोखिम पर ही बच्चों को बुलाएगे। हालांकि क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के निर्णय के तहत ही स्कूल खोले जा सकेंगे।
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अभी सप्ताह में दो दिन लग रहीं क्लास
अभी 9वी व 10वीं कक्षाए सप्ताह में एक-एक दिन और 11वीं व 12वीं कक्षाए सप्ताह में दो – दो दिन लग रही हैं लेकिन स्कूल ने अभिभावकों के जौखिम पर ही बच्चों को स्कूल भेजने का लिखित घोषणा-पत्र लाना अनिवार्य किया है। इस कारण अधिकतर अमिभावक बच्चों को नहीं भेज रहे है।
अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं
फिलहाल देश में बच्चों के लिए कोई वैक्सान नहीं है. उस पर अक्टूबर में प्रदेश मे तीसरी लहर आने की अशंका जताई जा रही है। हालांकि एक स्कूल संचालक का तर्क है कि अभी कारोना के केस ‘बहुत कम है। कहीं भी ज्यादा केस नहीं मिल रहे हैं। इस कारण स्कूल पूरी तरह खोले जाना चाहिए।