5 जुलाई को छोड़कर बाकी तीन चंद्रग्रहण भारत में देखें जा सकेंगे। 21 जून को सूर्य कंगन के रूप में बदलता दिखेगा, ऐसा वलयाकार ग्रहण के कारण होगा। 14 दिसंबर को चिली, अर्जेंटीना में पूर्ण सूर्यग्रहण की घटना देखी जा सकेगी। 9 फरवरी, 9 मार्च, 8 अप्रैल और 7 मई को सुपर मून के रूप में 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला पूनम का चांद दिखेगा।
ग्रहों को आकाश में पहचान करने का अच्छा अवसर
घारू ने बताया कि 21 जनवरी को कंजक्शन ऑफ मून एंड मार्स दिखेगा, जिसमें चांद के पास मंगल दिखेगा, तो 28 जनवरी को मून और वीनस मिलते दिखेंगे। 20 फरवरी को कंजक्शन ऑफ मून एंड ज्यूपिटर दिखेगा। 19 मार्च को कंजक्शन ऑफ मून एंड सेटर्न देखा जा सकेगा।
ग्रहों को आकाश में पहचान करने का ये अच्छा अवसर होगा। 4 जुलाई को पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करते हुए सबसे दूर होगी तो 13 अगस्त को वीनस का आधा भाग चमकता दिखेगा। 14 जुलाई को ज्यूपिटर, 21 जुलाई को सेटर्न, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगे तो 14 अक्टूबर को मंगल सीध में होगा। 13 दिसंबर की रात आकाश में मेटिओर शॉवर की आतिशबाजी दिखाई देगी। सबसे छोटे दिन 21 दिसम्बर को सोलर सिस्टम के दो सबसे बड़े ग्रह ज्यूपिटर और सेटर्न बेहद नजदीकी से मिलते दिखेंगे।