इस बार उन्होंने आम जनता से जुड़ी महंगाई को मुख्य मुद्दा बनाते हुए। पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी हमले के लिए चुना है। अपने ट्विट पर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा पर सीधा प्रहार किया है। इसमें सिंधिया ने लिखा है कि पेट्रोल, डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है – दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए हैं और सरकार इससे आम आदमीं को राहत देने के बजाय अपनी जेब भरने में लगी है।
ऐसे समझें पूरा मामला…
दरअसल पेट्रोल की कीमत पिछले 55 महिनों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, वहीं डीजल अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.50 रुपए और भोपाल में 80.09 रुपए प्रति लीटर हो गई।
दरअसल पेट्रोल की कीमत पिछले 55 महिनों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, वहीं डीजल अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.50 रुपए और भोपाल में 80.09 रुपए प्रति लीटर हो गई।
डीजल का रेट 69.23 रुपए है। यह 55 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 14 सितंबर 2013 को भोपाल में पेट्रोल के दाम 80.95 रुपए थे। पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाने के पक्ष में नहीं है। वह चाहती है कि राज्य वैट कम करें।
क्रूड ऑयल के दामों इजाफा…
ज्ञात हो कि पेट्रोल डीजल का दाम बढ़ने के पीछे पेट्रोलियम कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में लगातार इजाफा होना बता रही हैं। एक जनवरी से अब तक पेट्रोल में 5.12 रुपए और डीजल में 6.79 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। मप्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि 16 जून 2017 से देशभर में हर रोज पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं।
ज्ञात हो कि पेट्रोल डीजल का दाम बढ़ने के पीछे पेट्रोलियम कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में लगातार इजाफा होना बता रही हैं। एक जनवरी से अब तक पेट्रोल में 5.12 रुपए और डीजल में 6.79 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। मप्र पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि 16 जून 2017 से देशभर में हर रोज पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं।
धीरे धीरे बनाया ये हाल…
जानकारों के अनुसार पहले अचानक इन पदार्थों पर 2 या 4 रुपए बढ़ा दिए जाने से इसका अंतर लोगों के सामने तुरंत आ जाता था, ऐसे में लोग तुरंत ही रिएक्ट भी करते थे। जिससे सरकारों को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
जानकारों के अनुसार पहले अचानक इन पदार्थों पर 2 या 4 रुपए बढ़ा दिए जाने से इसका अंतर लोगों के सामने तुरंत आ जाता था, ऐसे में लोग तुरंत ही रिएक्ट भी करते थे। जिससे सरकारों को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
लेकिन अब नए तरीके से कभी हर रोज तो कभी एक दो दिन छोड़ कर धीरे धीरे रेट बढ़ाए जा रहे हैं। जिसके बारे में आसानी से मालूम नहीं चलता, लेकिन लंबे समय में यह रेट धीरे धीरे कर काफी बढ़ जाता है।
ऐसे में लोगों की नींद जब तक खुलती है तब तक वे पेट्रोल के काफी ज्यादा पैसा चुका चुके होते हैं।