भोपाल

चुनाव आते ही सिंधिया परिवार में बढ जाती है दूरी

ज्योतिरादित्य और यशोधरा एक दूसरे पर इशारों ही इशारों में करते हैं वार

भोपालOct 12, 2018 / 12:48 pm

harish divekar

Jyotiraditya Scindia and Yashodhra raje

सिंधिया परिवार वैसे तो हमेशा एक रहता है, लेकिन चुनाव आते ही बुआ और भतीजें में दूरियां दिखाई देने लगती हैं।
शिवपुरी—गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवपुरी से विधायक यशोधरा राजे सिंधिया चुनावी मौसम में एक दूसरे के खिलापफ खुलकर तो नहीं बोलते लेकिन सार्वजनिक मंचों में एक दूसरे के खिलापफ इशारों ही इशारों में वार करते हैं।
इस क्षेत्र की जनता का सिंधिया परिवार से लगाव उन्हें इस बात का अहसास भी कराता है। यही वजह है कि यहां का मतदाता पार्टी को कम सिंधिया परिवार को तवज्जो देता है।
सिंधिया परिवार पर राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली तक के नेता नजर बनाए रखते हैं। फिर चाहें चुनाव लोकसभा के हों या फिर विधानसभा के। नेशनल पॉलिटिक्स में ये परिवार चर्चा में बना रहता हैं ।
सिंधिया परिवार ने देश को दिग्गज राजनेता दिए।

बीजेपी को खड़ा करने वाली राजमाता का योगदान संघ और बीजेपी के नेता कभी नहीं भूल सकते।

लेकिन यह घराना बीजेपी और कांग्रेस में बंट गया। माधवराव सिंधिया कांग्रेस में केंद्रीय मंत्री रहे। अब उनके पुत्र इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
यहां एक तरफ जहां सिंधिया परिवार आमने-सामने होता है, वहीं दोनों ही दलों कांग्रेस और भाजपा के दो आला नेताओं के बीच भी सीधी टक्कर दिखाई देती है।

यहां की पांच विधानसभा सीटों में से दो ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में और तीन गुना-शिवपुरी में आती हैं।
इसके चलते यहां ग्वालियर सांसद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गुना-शिवपुरी कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सीधी टक्कर होती है।

इसके अलावा शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी विधायक प्रदेश की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और उनके भतीजे क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की जंग भी चुनावों को और दिलचस्प बनाती है।
हालांकि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और यशोधरा राजे एक दूसरे के खिलाफ सीधा हमला कभी नहीं करते।
इस क्षेत्र की चुनावों में अहमियत इस बात से भी साबित होती है कि पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह स्वयं इस क्षेत्र में आए और ग्वालियर, शिवपुरी और गुना में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जीत हासिल करने के मंत्र फूंके।
सूत्रों के मुताबिक इन सभी पांचों सीटों पर प्रत्याशी चयन से लेकर उन्हें जीत दिलाने में इन सभी नेताओं की इस क्षेत्र में अहम भूमिका रहती है। जिले की करैरा और पोहरी विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जबकि शिवपुरी, पिछोर और कोलारस गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के भाग हैं।
वर्तमान में पिछोर, करैरा और कोलारस से कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि शिवपुरी एवं पोहरी विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

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