कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को ग्वालियर में मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे। वे दिल्ली से ट्रेन से ग्वालियर पहुंचे। इस मौके पर बड़ी संख्या में पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब दिग्विजय सिंह के बाबरी विध्वंस के आरोपियों को सजा देने वाले बयान के बारे में पूछा गया तो सिंधिया ने चुप्पी साध ली। इस पर सिंधिया ने इतना ही कहा कि वे किसी के ट्वीट का उत्तर नहीं देते हैं, जो कहते हैं खुद कहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चल रही खींचतान पर उन्होंने कहा कि मैं ज सेवा और सेवाभाव के लिए काम करता हूं, किसी पद के लिए कभी काम नहीं करता हूं। महाराष्ट्र में सरकार को लेकर बने असमंजस पर सिंधिया ने कहा कि इसमें दो राय नहीं है कि जनमत भाजपा और शिवसेना गठबंधन को मिला है। अब बड़ी विचित्र स्थिति बन गई है। उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर आए हैं। वे कांग्रेस की ओर से आयोजित दीपावली मिसन समारोह समेत कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।
-सभी धर्मों के रास्ते अलग अलग हो सकते हैं लेकिन मंज़िल सभी की एक है। और वो है “इंसानियत”।
-राम जन्म भूमि के निर्णय का सभी ने सम्मान किया हम आभारी हैं। कॉंग्रेस ने हमेशा से यही कहा था हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित क़ानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिये। विध्वंस और हिंसा का रास्ता किसी के हित में नहीं है।
-माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फ़ैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को ग़ैर क़ानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सज़ा मिल पायेगी? देखते हैं। २७ साल हो गये।