15 अगस्त 1947 में देश के आजाद होने के बाद भी भोपाल को आजादी नहीं मिली थी। यहां नबावी शासन होने के कारण अधिकतर बड़ी इमारतें व महल भोपाल स्टेट की थीं। जिसका केंद्र के नाम पर सिर्फ एक मुख्य पोस्ट ऑफिस जुमेराती में था। इसी पर पहली बार आजादी का तिरंगा फहराया गया। लेकिन इसका भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है और इस पर कब्जे बढ़ते जा रहे हैं।
मुख्य पोस्ट ऑफिस यहां से नए भवन में शिफ्ट होने के बाद भी इस भवन को डाक विभाग ने पोस्ट ऑफिस का बनाकर संचालन जारी रखा है। यहां स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर विभाग की ओर से झंडा वंदन होता है।
यहां के पोस्ट मास्टर संतोष कुमार पाल ने बताया कि एक माह पहले जुलाई में ही उनका ट्रांसफर न्यू मार्केट पोस्ट ऑफिस से यहां हुआ है। ये भोपाल की ऐतिहासिक इमारत है और भारत की स्वतंत्रता की गवाह है।
निगम ने बनाई पार्किंग
इधर जुमेराती पोस्ट ऑफिस के ऐतिहासिक भवन के बारे में चौक व्यापारी संघ के अध्यक्ष अभिषेक जैन का कहना है कि आधे परिसर पर नगर निगम ने पार्किंग बना दी है। बचे हुए परिसर में भी लोग कब्जे करते जा रहे है। 15 अगस्त व 26 जनवरी पर ही यहां साफ-सफाई होती है।