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कर्मचारियों का सामूहिक अवकाश: काम पर नहीं आने से बिगाड़ी कार्यालयों की हालत, यहां से वहां भटकते रहे लोग

locationभोपालPublished: Apr 13, 2018 05:31:48 pm

कर्मचारियों का सामूहिक अवकाश का दूसरा दिन काम पर नहीं आने से बिगाड़ी कार्यालयों की हालत, परेशान लोग यहां से वहां भटकते रहे…

no one in office

भोपाल। सरकार से नाराज ढाई लाख कर्मचारियों द्वारा MP में किए गए दो दिवसीय सामूहिक अवकाश के दूसरे दिन भी मंत्रालयों आदि जगहों पर कोई काम नहीं हुए। जिसके चलते इस दौरान यहां आने वाले लोग परेशान होते रहे।


इस दौरान कर्मचारियों ने अवकाश लेकर काम नहीं किया, इससे राजधानी और जिलों में अपने काम लेकर पहुंचे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सूत्रों के मुताबिक आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के दफ्तर न पहुंचने के चलते काफी देर तक कुछ दफ्तरों के तो ताले भी नहीं खुले। ऐसे में यहां कक्षों की लाइट तक नहीं जलाई गई।


इस दौरान कार्यालय आए अधिकारी खुद ही पानी पीने व फाइलें निपटाने का काम करते देखे गए। लिपिकों की गैरमौजूदगी के चलते अधिकारी भी दफ्तर पहुंचने वाले लोगों का काम नहीं कर सके।

वहीं मंत्रालय में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिलों में सबसे ज्यादा दिक्कत नगरीय निकायों की सेवाओं और राजस्व कर्मचारियों के अवकाश के चलते हुई।
इस आंदोलन में मंत्रालय कर्मचारी संघ, लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, लघुवेतन कर्मचारी संघ, राजस्व कर्मचारी संघ और नगरपालिका कर्मचारी संघ इस आंदोलन में शामिल हैं। सबसे अधिक असर मंत्रालय, सतपुड़ा भवन, विन्ध्याचल भवन, निर्माण भवन समेत विभागाध्यक्ष कार्यालयों में होने वाले कामकाज पर पड़ा। गुरुवार की तरह शुक्रवार को भी यह कार्यालयों बंद से ही रहे।
कर्मचारियों की ये हैं मांगें
कर्मचारियों का कहना है कि उनके द्वारा कई सालों से किए जा रहे आंदोलन के बाद भी सरकार अनदेखा कर रही है। सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं।

सरकार से मांग है कि लिपिकों का ग्रेड पे 2400 रुपए किया जाए। रमेशचंद्र समिति की 23 अनुशंसाएं लागू की जाएं। लोक निर्माण, जल संसाधन, पीएचई, वन विभाग के लिपिकों को बिना शर्त समयमान वेतनमान दिया जाए।
लेखापाल की विसंगति एक जनवरी 1996 से दूर की जाए और कर्मचारियों से रिकवरी बंद हो। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का प्रोफेशनल टैक्स खत्म किया जाए और भृत्य पदनाम बदला जाए।


अर्न लीव 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन किया जाए। पेंशनरों को सातवें वेतनमान और महंगाई भत्ते का लाभ मिले। नई पेंशन योजना बंद कर पुरानी को लागू किया जाए। संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण हो और मंत्रालय के अनुभाग अधिकारी और निज सचिव का वेतनमान पुनरीक्षित किया जाए। अनाज एवं त्यौहार अग्रिम देने के साथ सरकार तिलहन संघ के कर्मचारियों को पे प्रोटेक्शन का लाभ दे।
नहीं निकलीं फाइलें…
राजस्व कर्मचारियों और तृतीय वर्ग कर्मचारियों के अवकाश पर होने से तहसील में काफी दिक्कत हुई। भोपाल ही नहीं ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और रीवा संभाग में भी नामांतरण, सीमांकन और बंटवारे के लिए आवेदन लेकर पहुंचे शहरी व ग्रामीण लोग परेशान होते देखे गए।

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