फूलबाग थाना क्षेत्र के रामपुरा गांव निवासी व वार्ड नम्बर 42 के पार्षद के आठ वर्षीय पुत्र का अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया। पुलिस ने अपहृत बालक को छह घण्टे में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया।
फूलबाग थाना क्षेत्र के रामपुरा गांव निवासी व वार्ड नम्बर 42 के पार्षद के आठ वर्षीय पुत्र का अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया। पुलिस ने अपहृत बालक को छह घण्टे में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया।
भिवाड़ी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि पार्षद बाबूलाल ने पुलिस थाने पर सुबह साढ़े दस बजे सूचना दी की उसके बच्चे का अपहरण कर लिया गया है और अपहरणकर्ता आठ लाख रुपए की फिरोती मांग रहे हैं।
इस सूचना पर भिवाड़ी थानाधिकारी महावीर शेखावत, यूआईटी थानाधिकारी शीशराम मीणा, टपूकड़ा थानाधिकरी जहीर अब्बास, चौपानकी थानाधिकारी सुनील कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एएसआई राजेश कुमार यादव, एएसआई केशूराम की टीम गठित कर अपहरणकर्ताआें की धरकपड़ के प्रयास किए।
पुलिस ने बताया कि अपहृत बालक सुबह आठ बजे घर के पास ही बने स्कूल में पढऩे के लिए गया था। बालक को सुबह किस-किस के साथ देखा गया। इसके आधार पर बच्चे को रामपुरा गांव के पास सूनसान इलाके से अपहरणकर्ता बाल अपचारी के चंगुल से मुक्त करा बाल अपचारी को निरूद्ध कर लिया।
बाल अपचारी के एक अन्य साथी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। इधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बाल अपचारी की उम्र तथा अन्य सहयोगी व तथ्यों की जानकारी की जा रही है।
सबक सिखाने के लिए किया अपहरण
अपहरणकर्ता भी पूर्व में उसी कॉलोनी में ही किराए के मकान में रहता था। कुछ दिन पहले पार्षद ने आरोपित को उसके चालचलन को लेकर कॉलोनी से निकलवा दिया था। उसकी का बदला लेने के लिए बाल आरोपितों ने बालक का अपहरण कर लिया।
चप्पे चप्पे को छाना
मामले की गंभीरता को देखते हुए चार थानों के थानाधिकारियों ने मय पुलिस स्टाफ, अतिरिक्त्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय व डीवाईएसपी कार्यालय में तैनात स्टॉफ ने भिवाड़ी क्षेत्र के चप्पे- चप्पे पर छानबीन की।
बच्चे के परिवार वालों की ओर से शक जाहिर किए गए लोगों पर निगरानी शुरू की। करीब छह घण्टे बाद पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चगुंल से बालक को मुक्त कराया।
इसलिए हुआ शक
अपहृत बालक के पिता ने स्कूल के पास ही किराएदारों के लिए एक कॉलोनी बना रखी है और वह स्वयं भी वहीं रहता है। वह बालक को देखने के लिए सुबह स्कूल गया लेकिन वह वहां नहीं मिला।
इसके बाद दोबारा स्कूल गया तब भी बालक नहीं मिला। इसके बाद शक हुआ तो बालक की तलाश की। इसी दौरान उसके मोबाइल फोन पर आठ लाख रुपए की मांग की गई। इसके बाद इस मामले की पुलिस को सूचना दी गई।