इस अवसर पर वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा पर फोकस रहेगा। वहीं किसानों के कर्ज माफी के संबंध में उन्होंने कहा कि कर्जमाफी किसानों की नहीं कांग्रेस की मांग है, उन्होंने यह कहते हुए कर्जमाफी से साफ इनकार कर दिया है।
इससे पूर्व विधानसभा में सोमवार को शुरू हुआ बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। इस दिन नवनियुक्त राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहली बार मध्यप्रदेश की विधानसभा में अभिभाषण देने आई थीं। जहां राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दल ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की।
विपक्ष ने काफी देर तक व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की, लेकिन राज्यपाल बगैर किसी रुकावट के अपना भाषण पूरा करके गईं। इस बीच उन्होंने भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाई और शिवराज सरकार की सराहना की। उधर, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कांग्रेस के जीतू पटवारी ने किसानों के कर्ज माफी का मुद्दा उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पर्चे भी लहराए गए। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी।
पहले दिन जैसा की माना जा रहा था कि शिवराज सरकार का आखिरी बजट सत्र में कई मुद्दों पर हंगामा हो सकता है, वैसा ही हुआ। राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू ही किया था कि विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वे सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे।
इस बीच आनदीबेन पटेल ने अपना अभिभाषण जारी रखा। अब 28 को शिवराज सरकार के वित्त मंत्री जयंत मलैया बजट पेश करेंगे। वहीं बजट सत्र के दूसरे दिन यानि मंगलवार को दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। इसमें अभिनेत्री श्रीदेवी और शशि कपूर का भी नाम था, लेकिन आखिरी समय में दोनों का ही नाम हटा दिया गया। इसके पीछे इनकी मौत से जुड़े विवाद को बताया गया है।
उधर कांग्रेस ने श्रीदेवी का नाम हटाए जाने का विरोध किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे सांप्रदायिकता का विरोध करती रहीं, इसी लिए भारतीय जनता पार्टी के दबाव में आकर मप्र सरकार ने उनका नाम लिस्ट में से हटा दिया।
गौरतलब है कि श्रीदेवी का शनिवार देर रात दुबई में निधन हो गया था। पहले उनकी मौत का कारण कार्डिएक अरेस्ट होना बताया गया। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि श्रीदेवी की मौत बाथटब में डूबने से हुई है और उनके खून में अल्कोहल के अंश भी मिले हैं।
अभिनेत्री का शव अब भी दुबई में ही है, वहां कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उन्हें भारत लाया जा सकेगा। इसके बाद वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बयान दिया और फिर दिवंगतो के सम्मान के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।