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भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड के हाल देख कर हो जाऐंगें हैरान.. देखें पूरी सच्चाई!

locationभोपालPublished: Apr 22, 2018 10:18:21 pm

सड़क पर रात बिताने मजबूर यात्री

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भोपाल। भीषण गर्मी में ट्रेन और बस का इंतजार मुसाफिरों पर भारी पड़ रहा है। बात जब रात की हो तो मुश्किल दोगुना बढ़ जाती है। अधूरे इंतजामों के बीच कई तो कार पार्किंग के पास और सड़क पर रात गुजारने के लिए मजबूर हैं। यात्री प्रतीक्षालय की बजाय टिकट काउंटर और प्लेटफार्म पर लोग रात गुजार रहे हैं। हर रोज हजारों की संख्या में लोग यहां होते हैं। इनकी सुविधाओं के लिए जब स्टेशन और बस स्टैंड का जायजा लिया तो कई कमियां सामने आई। गर्मी के बावजूद कई पंखे बंद थे। पानी के लिए लोगों को दूर तक जाना पड़ रहा था। स्टेशन के एक हिस्से में निर्माण कार्यों से व्यवस्था अस्त व्यस्त नजर आई। सुरक्षा न होने से सामान की चिंता में बैठे-बैठे रात गुजारना मजबूरी बन गया।
रात 12.30 से 01.00 बजे
मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक के बाहर कार पार्किंग परिसर में सैकड़ों की संख्या में मुसाफिर गाड़ी आने के मिले। इनमें से ज्यादा ने प्लेटफार्म की बजाय सड़क पर ही रात गुजारना बेहतर समझा। इनके आसपास से कई लोगों की आवाजाही हो रही थी। सुरक्षा के लिए दूर-दूर तक कोई सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आया। इसी के चलते कई मुसाफिर तो सामान को दबाकर सोते मिले।

टिकट काउंटर बना रैन बसेरा, सुरक्षा गार्ड नदारद
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटर ने रैन बसेरा का रूप ले रखा है। बड़ी संख्या में मुसाफिर यहां सोते नजर आए। यहां ट्रेन के लोकल डिब्बे जैसा माहौल था। खचाखच भरा होने के साथ सुरक्षा के कोई इंतजाम यहां नजर नहीं आए।

स्टेशन के दोनों ओर दोनों ओर टिकट कांउटर हॉल में चारों ओर लोग खुले में रात काटने मजबूर थे। यहां आसाजिक तत्वों को रोकना तो दूर अंदर आ रहे कुत्तों को भी कोई दूर भगाने वाला नहीं था। हॉल के अंदर इतनी भीड़ थी के लोग बाहर सड़क पर आकर सो रहे थे। एक मुसाफिर ने बताया कि ट्रेन सुबह चार बजे आएगी। अंदर भीड़ और घुटन के कारण बाहर खुले में सो रहे हंै।

केवल इस गेट पर गार्ड
उच्च श्रेणी प्रतिक्षालय प्रतीक्षालय में ही गार्ड नजर आया। जो कि गेट पर तैनात था। यहां कुर्सियां जमी थी। अंदर फंखे, साफ-सफाई तो थी, लेकिन आराम से सोने के लिए लोगों को खुले फर्श का ही सहारा था।

नादरा बस स्टैंड- रात 12.45 से 1 बजे
नादरा बस स्टैंड एक बजे – नादरा बस स्टैंड पर रैन बसेरा की सुविधा और नीचे पुराने टिकट कांउटर की हाल होने के बाद भी लोग जहां बस पार्क होती हैं वहां सो रहे थे। अंदर हाल में भी मुसाफिर अपने सामान को पकड़ कर असुरक्षित सोने को मजबूर थे। यहां के दुकानदारों ने बताया कि आसामाजिक तत्वों की यहां अक्सर आवाजाही रहती है। कई बार घटनाएं भी हो चुकी हैं। सामान चोरी होने के साथ मुसाफिरों की जेब भी कट चुकी है।

बस स्टैंड के अंदर प्रतीक्षा करने के लिए पर्याप्त जगह हैं, भीड़ बढऩे पर ही लोग बाहर खुद की रिस्क पर सो जाते हंै। वैसे स्टैंड के अंदर, बाहर स्टेट बैंक के पास चौकी होने के साथ हनुमानगंज थाना भी लगा है। बाहर सोने वाले की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
-राजेश भदौरिया, एएसपी

गर्मियों में मुसाफिरों को थोड़ी समस्या तो होती है। इसके समाधान के लिए भोपाल स्टेशन पर एक बिल्डिंग बन चुकी है, दूसरी भी बनेगी। इसमें रुकने के साथ सारी व्यवस्था मुसाफिरों को मिलेगी। मुसाफिरों की सुरक्षा के लिए वैसे रेलवे पुलिस स्टेशन परिसर का भी राउंड लेती हैं।
-आईए सि²ीकी, प्रवक्ता, रेलवे

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