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ऐसे पहचानें अपने बच्चे का स्वभाव! फिर इस तरह दें उसके कॅरियर को दिशा

locationभोपालPublished: Mar 19, 2018 04:15:04 pm

अंक ज्योतिष में मूलांक जन्म तारीख के अनुसार माने जाते हैं…

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भोपाल। आज के दौर में हर कोई अपने भविष्य को जानने के प्रति उत्सूक रहता है। उसमें भी यदि बात अपने बच्चों की हो तो लोग क्या कुछ नहीं कर गुजरते। जहां कुछ लोग इस पर विश्वास नहीं करते,वहीं कुछ इन बातों को और ज्योतिष को पूरी तरह से सत्य मानते हुए कदापि इसे नहीं नकारते।
अपने भविष्य को जानने की इसी अभिलाषा को देखते हुए आज हम आपको आपके अंक के आधार पर भविष्य के बारे में बताने जा रहे हैं। इस संबंध में अंक ज्योतिष के जानकार दीप शास्त्री कहते हैं कि अंक ज्योतिष में मूलांक जन्म तारीख के अनुसार 1 से 9 माने जाते हैं।
प्रत्येक अंक व्यक्ति का मूल स्वभाव दिखाता है। वहीं बच्चे का मूल स्वभाव जानकर माता-पिता को उसे सही तालीम देने में मदद भी हो सकती हैं।

अंक ज्योतिष के जानकार शास्त्री के अनुसार हर बच्चे का स्वभाव अलग अलग होता है। उसी तरह से उसकी तालीम में भी फर्क होता है, और यहीं उसके स्वभाव का भी कारक होता है। आइये जानते हैं किसी मूलांक के बच्चे के संबंध में अंक ज्योतिष क्या कहता है…
– मूलांक 1 (1, 10 19, 28) : दीप शास्त्री के अनुसार ये बच्चे क्रोधी, जिद्दी व अहंकारी होते हैं। अच्छे प्रशासनिक अधिकारी बनते हैं। ये डॉट-डपट नहीं सहेंगे। अत: इन्हें तर्क से नहीं, प्यार से समझाएं।
– मूलांक 2 (2, 11, 20, 29) : ये शांत, समझदार, भावुक व होशियार होते हैं। माता-पिता की सेवा करते हैं। जरा सा तेज बोलना भी इन्हें ठेस पहुंचाता है। इनसे शांति व समझदारी से बात करें।
– मूलांक 3 (3, 12, 21,30) : ये समझदार, ज्ञानी व घमंडी होते हैं। अच्छे सलाहकार बनते हैं। इन्हें समझाने के लिए पर्याप्त कारण व ज्ञान होना जरूरी है।
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– मूलांक 4 (4, 13, 22) : बेपरवाह, खिलंदड़ व कारस्तानी होते हैं। रिस्क लेना इनका स्वभाव होता है। इन्हें अनुशासन में रखना जरूरी है। ये व्यसनाधीन हो सकते हैं।
– मूलांक 5 (5, 14, 23) : बुद्धिमान, शांत, आशावादी होते हैं। रिसर्च के कामों में रूचि लेते हैं। इनके साथ धैर्य से व शांति से बातचीत करें।
– मूलांक 6 (6, 15, 24) : हंसमुख, शौकीन मिजाज व कला प्रेमी होते हैं। ‘ मस्त रहो’ पर जीते हैं। इन्हें सही संस्कार व सही दिशा-निर्देश जरूरी है।
– मूलांक 7 (7, 16, 25) : भावुक, निराशावादी, तनिक स्वार्थी मगर तीव्र बुद्धि के होते हैं। व्यसनाधीन जल्दी होते हैं। कलाकार हो सकते हैं। इन्हें कड़े अनुशासन व सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है।
– मूलांक 8 (8, 17, 26) : तनिक स्वार्थी, भावुक, अति व्यावहारिक, मेहनती व व्यापार बुद्धि वाले होते हैं। जीवन में देर से गति आती है। इन्हें सतत सहयोग व अच्छे साथियों की जरूरत होती है।
– मूलांक 9 (9, 18, 27) : ऊर्जावान, शैतान व तीव्र बुद्धि के विद्रोही होते हैं। माता-पिता से अधिक बनती नहीं है। प्रशासन में कुशल होते हैं।

इन मंत्रों के जाप से मिलेगी पढ़ाई में सफलता…
आज के दौर में हर बच्चा आगे आना चाहता है, जीतना चाहता है लेकिन कर्इ बार मन को एकाग्र नहीं कर पाता और पिछड जाता है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार ऐसे में कुछ खास उपाय और मंत्रों के जाप से न केवल सब कुछ याद रहने की संभावना न केवल बढ जाएगी बल्कि मां सरस्वती की कृपा भी पूरी तरह बनी रहेगी।
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पंडित शर्मा के अनुसार दिनचर्या में अपने परिश्रम को सर्वोपरि मानते हुए एकाग्रचित्त होकर मां शक्ति (शिवा, दुर्गा) की आराधना व ध्यान करने से विद्या व लक्ष्मी प्राप्ति के योग ? प्रबल बनते हैं। रविवार, सोमवार या शुक्रवार से इन श्लोकों का 51 या 101 बार पठन करें-
जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
विद्यावन्तं यशस्वन्तं लक्ष्मीवन्तं जनं कुरू।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।।
इन श्लोकों को प्रात: कालीन कार्यो से निवृत होकर मां शक्ति की आराधना करते हुए उच्चारण करें।

विद्या प्राप्ति, लक्ष्मी प्राप्ति, यश, रूप व विजय प्राप्ति के लिए इन श्लोंकों का जाप काफी हितकारी है। आराधक लाल व पीले वस्त्र धारण कर आराधना व ध्यान कर सकते हैं।
घर में शांति व शारीरिक व्याधि निवारण के लिए इस मंत्र का जाप करें- ओम ऐं सीं क्लीं चामुंडायै विच्चै। इस मंत्र का 101 बार जाप करें। सात्विक भोजन करें, विद्यार्थी एवं प्रतियोगी इन मंत्रों का जाप कर अपनी पढ़ाई शुरू कर सकते हैं।
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