सवाल: आदिवासी संस्कृति पर वीडियो बनाने का विचार मन में कैसे आया? जवाब: मैं आदिवासी हूं। हम हमेशा प्रकृति से जुड़े रहते हैं, पर हमारी संस्कृति-पहनावा हाइलाइट नहीं होती। दो साल पहले आदिवासी संस्कृति, परिवेश व इसके जुड़े कल्चर के वीडियो बना यूट्यूब पर शेयर किए। आज इससे अच्छी अर्निंग हो रही है। 2017 से ही फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करता था। 'आदिवुड’ प्रोडक्शन हाउस शुरू किया।
सवाल: आपके ग्रुप में कितने लोग जुड़े हैं। उन्हें आपने कैसे जोड़ा?
जवाब: मेरी टीम में 250 सदस्य हैं। शुरुआत छोटी थी। फिर सोचा क्यों न इसमें एक्टर से लेकर, हर तरह के परफॉर्मर आदिवासी ही हों। पहले लोगों ने मना किया, पर बाद में जुड़े। अब कोई आदिवुड के लिए एक्टिंग करता है तो कोई कोरियोग्राफार व फोटोग्राफर हैं। कॉमेडियंस व डांसर भी हैं। इससे टैलेंटेड लोगों को प्लेटफॉर्म मिला, जिन्हें कभी मंच नहीं मिला था।
सवाल: टीम में जुड़े सभी लोग आदिवासी स्थानों से हैं?
जवाब: नहीं, बड़वानी जिले के आसपास के गांव समेत कुक्षी, मनावर, खरगोन और महाराष्ट्र के आसपास के कई टैलेंटेड लड़के-लड़कियां हमसे जुड़े हैं। हमारा उद्देश्य आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देना है। संस्कृति को बढ़ावा देना है। अब तक हमने पांच वीडियो बनाए हैं। पहहले ही वीडियो में 12 मिलियन व्यूयर हैं।
सवाल: अब आगे क्या करना चाहते हैं, क्या विजन है? जवाब: समाज के सभी टैलेंटेड युवा को मंच देना चाहता हूं। उन्हें बेहतरीन प्रैक्टिस कराने के बाद एक बेहतरीन मुकाम तक ले जाने का हमारा लक्ष्य है। जल्द ही हम आदिवुड में कुछ शॉर्ट फिल्में भी लेकर आने वाले हैं। इससे आदिवासी समाज के कई लोग अपने सपने पूरे कर सकेंगे। यही हमारा सबसे बड़ा सुकून होगा।
पर्यावरण पर शहर, गांव व जंगलों में काम करना चाहिए। बरसों पहले वन क्षेत्र में लोगों को अपनी जमीन पर काम करने का अधिकार मिला। गांवों में भी ध्यान दिया जा रहा है। तापमान लगातार बढ़ रहा है, अब शहर में ध्यान देने की जरूरत है।
- रोहित वैशाकी, एंटरटेनमेट एंड फैशन
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