12वीं पास करने के बाद डॉक्टरी की पढ़ाई के साथ सेवा कार्य में जुट गईं, ताकि किडनी और कैंसर जैसी घातक बीमारी से पीडि़त मरीजों की मदद कर सकें। दर्शना ने 2007 से शासकीय होम्योपैथीमेडिकल कॉलेज भोपाल से होम्योपैथिक की पढ़ाई शुरू की। उन्होंने बताया कि जब मैं थर्ड सेम में थी उस दौरान मेरी मम्मी की बच्चेदानी में ट्यूमर हो गया, जिसके लिए डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी।
पर हमने डिपार्टमेंट के डॉक्टरों से और सीनियरों से कंसल्टेंट किया तो उन्होंने होम्योपौथी की दवाइयां लेने की सलाह दी। तीन महीने बाद सोनोग्राफी कराई तो ट्यूमर गायब था। तभी से मैंने किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों की मदद करनी शुरू कर दी। इसमें मेरी मां ने बहुत मदद की। ऐसे मरीजों को दवा के साथ आर्थिक मदद करती हूं। इसके पीछे पिता की कम उम्र में इसी मर्ज से मौत होना था।
बिना ऑपरेशन के भी हो सकता है इलाज
कॉलेज खत्म होने के बाद एक सामाजिक संस्था में काम करना शुरू किया। इस दौरान मैंने लोगों को कैंसर से बचाव के तरीके बताने के साथ ही उन्हें यह भी बताया कि बिना ऑपरेशन के भी कैंसर की गठानों को विभिन्न इलाजों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इसके साथ ही लोगों को दवाओं के साइड इफेक्ट के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं।
लोगों को अवेयर करने के साथ देती हैं जानकारी
दर्शना ने बताया कि लोगों को सिर्फ इंजेक्शन और अनावश्यक गोलियां ही इलाज में सबसे उपयुक्त लगती हैं। उन्होंने बातया कि यह सब देखते हुए हमने बीएचएमएस का कोर्स पूरा करने के बाद काउंसलिंग में पीजी किया। उसकी वजह यह रही की लोगों की जरूरत क्या है और उनकी मदद कैसे की जा सकती है। इसके बाद मैने होम्यो काउंसलर डॉट काम के माध्यम से लोगों को जानकारी देने के साथ ही उनकों अवेयर करना शुरू किया।
उन्हें बताया कि किडनी, कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों का भी प्राकृतिक उपचार है। कैंसर के मरीजों को प्रॉपर काउंसलिंग, लाइफ स्टाइल, मैनेजमेंट के साथ ही प्राइमरी ट्रीटमेंट देती हैं। दर्शना अमरीकन डॉक्टरों से इन बीमारियों के संबंध में कांसल्टेंट करती हैं और उनसे जानकारी लेकर इन बीमारियों से बचाव व निदान के लिए उन्हें अवेयर करती हैं। डॉक्टर ग्लीडन, डॉ. रेंडी सायने, माय कैडम्स के साथ ही कई अन्य डॉक्टरों से बात कर मरीजों को उसकी जानकारी देती हैं।