दरअसल, मध्यप्रदेश में अभी तक महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से होते आए हैं। पिछले दिनों कमलनाथ की सरकार ने फैसला लिया कि अब मध्यप्रदेश में अप्रत्यक्ष तरीके से महापौर के चुनाव होंगे। यानी प्रदेश में अब पार्षद मेयर का चुनाव करेंगे। इस संशोधन के लिए सरकार अध्यादेश लाई थी। जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल लालजी टंडन के पास भेजा गया था। लेकिन अभी तक उन्होंने इसे मंजूरी नहीं दी है।
मंत्री ने की मुलाकात
वहीं, राज्यपाल लालजी टंडन के द्वारा इस अध्यादेश को रोके जाने के बाद नगर विकास मंत्री जयवर्धन सिंह और सचिव ने उनसे मुलाकात की। साथ ही गवर्नर के पास सरकार का रूख स्पष्ट करने की कोशिश की। ऐसे में अगर राज्यपाल आगे भी इस अध्यादेश को मंजूरी नहीं देते हैं तो निकाय चुनाव होने में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिसंबर में नगर निकायों के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं।
वहीं, राज्यपाल लालजी टंडन के द्वारा इस अध्यादेश को रोके जाने के बाद नगर विकास मंत्री जयवर्धन सिंह और सचिव ने उनसे मुलाकात की। साथ ही गवर्नर के पास सरकार का रूख स्पष्ट करने की कोशिश की। ऐसे में अगर राज्यपाल आगे भी इस अध्यादेश को मंजूरी नहीं देते हैं तो निकाय चुनाव होने में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिसंबर में नगर निकायों के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं।
यह गलत परंपरा होगी
राज्यपाल के द्वारा अभी तक महापौर बिल को मंजूरी नहीं दिए जाने पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि सम्मानीय राज्यपाल आप एक कुशल प्रशासक थे। संविधान में राज्यपाल कैबिनेट की अनुशंसा के तहत कार्य करते हैं। इसे राज्य धर्म कहते हैं। विपक्ष की बात सुनें, मगर महापौर चुनाव बिल नहीं रोके। यह गलत परंपरा होगी। जरा सोचिए।
राज्यपाल के द्वारा अभी तक महापौर बिल को मंजूरी नहीं दिए जाने पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि सम्मानीय राज्यपाल आप एक कुशल प्रशासक थे। संविधान में राज्यपाल कैबिनेट की अनुशंसा के तहत कार्य करते हैं। इसे राज्य धर्म कहते हैं। विपक्ष की बात सुनें, मगर महापौर चुनाव बिल नहीं रोके। यह गलत परंपरा होगी। जरा सोचिए।
प्रत्यक्ष तरीके से चुनाव चाहती है बीजेपी
सरकार के इस अध्यादेश का बीजेपी शुरू से ही विरोध कर रही है। ऑल इंडिया मेयर काउंसिल ने भी राज्यपाल से मिल इस अध्यादेश पर आपत्ति जताई थी। बीजेपी का कहना है कि मेयर के चुनाव सीधे ही होने चाहिए। ऐसे में संकेत यह भी मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में इस संशोधन को लेकर बीजेपी कोर्ट भी जा सकती है। बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा है कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए ऐसे आरोप लगाना ग़लत है। राज्यपाल ने अपने अधिकार का उपयोग किया है। कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव में अपनी हार के डर से हठधर्मिता कर रही है। कांग्रेस अपने फ़ायदे के लिए लोकतंत्र का गला घोंट रही है।