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मीसाबंदी पेंशन बंद करने से पहले होगी स्क्रूटनी

locationभोपालPublished: Jan 14, 2019 12:15:16 pm

Submitted by:

dinesh Binole

गरीब मीसाबंदियों का ध्यान रखेगी सरकार

PM Narendra Modi, Weatlh fund, Pension fund, Vibrant Gujarat

प्रधानमंत्री मोदी पहली बार वेल्थ फंड, पेंशन फंड के प्रमुखों के साथ करेंगे गोलमेज बैठक

ऐसे शुरू हुई और बढ़ती गई पेंशन

2008 जून में शिवराज सरकार ने योजना शुरू की
3000 रुपए छह माह से कम जेल में रहने पर पेंशन
6000 रुपए छह माह से ज्यादा जेल में रहने पर पेंशन
2012 जून में योजना में बदलाव छह माह जेल में रहने पर 10 हजार
15000 रुपए छह माह से ज्यादा जेल में रहने पर
2017 जून में नियम में बदलाव किया गया
01 दिन भी जेल में रहने पर पेंशन का लाभ देना तय
25000 रुपए पेंशन बढ़ाकर कर दी गर्ई
2018 जून में विधेयक लाकर योजना को कानून में बदला
2600 लोगों को पेंशन का लाभ मिलता प्रदेश में
80 करोड़ रुपए औसत सालाना पेंशन पर खर्च
भोपाल. प्रदेश सरकार मीसाबंदी पेंशन के मामले में निरसन विधेयक लाने के पहले स्क्रूटनी करेगी। दरअसल, अफसरों ने सरकार को तर्क दिया है कि कई गरीब वर्ग के लोग भी यह पेंशन ले रहे हैं। पेंशन बंद होने से उनको परेशानी होगी।
पंद्रह साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने मीसाबंदी पेंशन बंद करने का निर्णय किया है। इसके तहत निरसन विधेयक तैयार कर लिया गया था, जिसे बीते विधानसभा सत्र में लाना प्रस्तावित था, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने उसे रोक लिया। इसके पीछे पूरे प्रकरण की समीक्षा करने का निर्णय रहा। मीसाबंदी पेंशन मुख्य रूप से भाजपा नेता लेते हैं। इनमें कई बड़े नेता भी शामिल हैं, लेकिन जब निरसन विधेयक लाने की बारी आई तो अफसरों ने कमजोर वर्ग के लोगों के भी इस पेंशन को लेने की बात बताई। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस जनता में किसी को नाराज नहीं करना चाहती है। इस कारण विधेयक को रोककर पेंशन लेने वाले हितग्राहियों की सूची का रिव्यू करना तय किया है। इसी के तहत संसदीय कार्य मंत्री ने नामजद सूची के साथ पूरी रिपोर्ट अफसरों से बुलाई है।
– क्या है पेंशन और कौन ले रहा
तत्कालीन भाजपा सरकार ने मीसाबंदी पेंशन के लिए 2008 में लोकतंत्र सेनानी पेंशन अधिनियम बनाया था। चुनाव के पहले इसे विधानसभा से पारित कराकर कानून की शक्ल दे दी गई थी, ताकि इसे सदन में लाए बिना निरस्त नहीं किया जा सके। इसके तहत आपातकाल में जेल जाने वालों को पेंशन की पात्रता है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत सहित कई भाजपा बड़े नेता इस पेंशन का लाभ ले रहे हैं। पहले पेंशन के लिए न्यूनतम एक महीने जेल में रहने का प्रावधान था, लेकिन केंद्रीय मंत्री गेहलोत के 13 दिन जेल में रहकर भी पेंशन लेने के विवाद के बाद भाजपा सरकार ने आपातकाल में एक दिन भी जेल में रहने पर पेंशन का लाभ देने का नियम बना दिया था।
– मीसाबंदियों ने दी चेतावनी

मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने के सरकार के कदम को देखते हुए लोकतंत्र सेनानी संघ ने आंदोलन शुरू कर दिया है। मीसाबंदियों ने राजधानी में धरने के साथ ही इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है। मीसाबंदियों ने कोर्ट में जाने की भी चेतावनी दी है।

यह तथ्य ध्यान में लाया गया है कि कई जरूरतमंद भी मीसाबंदी पेंशन ले रहे हैं, इसलिए अभी हम समीक्षा कर रहे हैं। भाजपा नेताओं को दी जा रही यह पेंशन गलत थी। अभी हम समीक्षा करके निर्णय करेंगे।
– डॉ. गोविंद सिंह, संसदीय कार्यमंत्री
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