कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है। इसे लेकर कर्मचारियों में असंतोष है। प्रदेश के साढ़े चार कर्मचारियों की दिवाली इस बार फिकी रहेगी। शासन ने जुलाई 17 से सातवें वेतनमान के आदेश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन कर्मचारियों को नया वेतनमान अब तक मिलना शुरू नहीं हुआ है।
कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अक्टूबर माह में उनकी तनख्वाह सातवें वेतनमान के हिसाब से आएगी, लेकिन एेसा हो नहीं पाया। इसके पीछे कारण यह है कि कर्मचारियों को विकल्प भरकर देना है कि उन्हें सातवां वेतन 2016 से चाहिए या 2017 से। इस समय विकल्प भरने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में नेट की धीमी रफ्तार से यह काम काफी पिछड़ा हुआ है, अगर इसी रफ्तार से यह प्रक्रिया चलती रही, तो अक्टूबर में भी इसका लाभ मिलने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
दूसरी ओर कर्मचारी सातवे वेतमान की आस लिए बैठे हैं। कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि अगर दिवाली के पहले उन्हें सातवा वेतनमान मिल जाए तो उनकी दिवाली अच्छी तरह मन जाएगी, लेकिन जिस रफ्तार से कार्य चल रहा है, उससे इसके आसार काफी कम दिखाई दे रहे हैं।
अगर एरियर ही मिल जाता तो ठीक था
कर्मचारियों का कहना है कि कम से कम तीन माह का एरियर ही मिल जाता तो कर्मचारियों की दिवाली अच्छी तरह से मन जाती, यह चर्चा भी कर्मचारियों के बीच रही है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के उमाशंकर तिवारी का कहना है कि सरकार कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस नहीं देती है, यदि ७ हजार से २० हजार की एकमुश्त राशि मिल जाती तो दिवाली का तोहफा हो जाता।
कर्मचारियों का कहना है कि कम से कम तीन माह का एरियर ही मिल जाता तो कर्मचारियों की दिवाली अच्छी तरह से मन जाती, यह चर्चा भी कर्मचारियों के बीच रही है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के उमाशंकर तिवारी का कहना है कि सरकार कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस नहीं देती है, यदि ७ हजार से २० हजार की एकमुश्त राशि मिल जाती तो दिवाली का तोहफा हो जाता।
-सरकार ने दिवाली के पहले सातवां वेतन न देकर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। केंद्र सरकार ने जब सातवां वेतन दिया तब समय अवधि तय की थी, जिससे निर्धारित समय में उसका लाभ कर्मचारियों को मिल गया, लेकिन मप्र सरकार ने आदेश तो जारी कर दिए लेकिन समय अवधि ही तय नहीं की। तीन माह बाद भी इसका लाभ नहीं मिल रहा।
-लक्ष्मीनारायण शर्मा, संयोजक मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी समिति
-लक्ष्मीनारायण शर्मा, संयोजक मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी समिति
-सरकार के आदेश जारी होने के बाद भी सातवें वेतन में लेटलतीफी हो रही है, नौकरशाही से यह सब हो रहा है, कर्मचारियों की किसी को परवाह नहीं है, कर्मचारी उम्मीद लगाकर बैठे थे कि उन्हें दिवाली के पहले यह लाभ मिलेगा और दिवाली अच्छी तरह मनाएंगे, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। कई राज्यों में तो वेतनमान मिल गया है, जबकि हमारे यहां अभी विकल्प ही भरवाए जा रहे हैं।
-सुधीर नायक, अध्यक्ष मंत्रालयीन कर्मचारी संघ
-सुधीर नायक, अध्यक्ष मंत्रालयीन कर्मचारी संघ