वहीं सड़क पर पानी भरा होने से रहवासियों सहित यहां से गुजरने वाले अन्य लोगों को गंदे पानी के बीच से निकलना पड़ता है। रहवासियों की माने तो कई बार इसकी शिकायत निगम अधिकारियों से कर चुके हैं इसके बाद भी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। अधिकारियों के ध्यान नहीं देने से इस समस्या से रोजाना सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही यहां लोगों के दरवाजे पर सूअरों का जमावड़ा लगा रहता है।
उधर सफाई का तमगा
रहवासियों का कहना है नगर निगम के अधिकारी स्वच्छता सर्वेच्छण को लेकर जनवरी माह में खूब निरीक्षण किए। इसके बाद भी सड़क पर बह रहें पानी का समाधान नहीं हुआ।
कहीं नहीं होती सुनवाई
रहवासियों का कहना है नगर निगम के अधिकारी से लेकर पार्षद और विधायक तक से इसकी शिकायत कर चुके हैं, पर आज तक इसका समाधान नहीं किया गया।
मंगलवार के बदले सोमवार को किया जाए साप्ताहिक अवकाश
कोलार उपनगर के पांच हजार से अधिक व्यापारियों ने अपने बिजनेस और व्यापार को बढ़ाने के लिए मोर्चा खोला है। उनकी मांग है कि कोलार का साप्ताहिक अवकाश मंगलवार की जगह सोमवार किया जाए। इस बदलाव से उनका और कोलारवासियों का सबसे ज्यादा फायदा है। इस संबंध में कोलार व्यापारी महासंघ ने बीते दिनों कलेक्टर तरुण पिथोड़े को एक मांगपत्र भी सौंपा था। इस पर कलेक्टर ने महासंघ को आश्वासन दिया है कि वे इस संबंध में सकारात्मक पहल शुरू करने के लिए सभी प्रयास करेंगे। साथ ही अफसरों से भी चर्चा करेंगे।
इस कारण लिया निर्णय
कोलार व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव मिश्रा के अनुसार मंगलवार के दिन कोलार के दो बड़े हिस्से में सब्जी मार्केट लगते हैं। ऐसे में कोलार के 10 हजार से ज्यादा परिवार यहां सब्जी एवं रोज़मर्रा की खरीदारी करने जाते हैं। मंगलवार को साप्ताहिक अवकाश होने से कोलार रोड में स्थित सभी मार्केट बंद होने से लोग सिर्फ सब्जी खरीदने तक सीमित रह जाते हैं। कोलार के साप्ताहिक हाट बाजार में आसपास के पांच किमी क्षेत्र जैसे चूनाभट्टी, गुलमोहर, त्रिलंगा, सलैया, बावडिय़ा, आईबीडी, कजलीखेड़ा, गोल, शाहपुरा इत्यादि जगह के लोगों का आना होता है।
मार्केट बंद होने से कोलार के व्यापारियों का नुकसान होता है। कोलार के बंद का प्रारूप गलत दिन होने से व्यापारी अनमने ढंग से दुकान खोलते हैं, जिससे वे अपने पारिवारिक दायित्वों का आनंद पूर्ण रूप से नहीं उठा पाते हैं। साथ ही व्यापारियों में अव्यवहारिक व्यापारिक प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जिसके कारण वह नियम तोड़कर दुकान खोलता है। ऐसे में साप्ताहिक अवकाश बदलने से इन सब समस्याओं से राहत मिल सकेगी।