उनके निर्देश पर पार्टी जल्द ही एक दर्जन सांसद-विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट दिल्ली भेजेगी। शाह ने साफ कर दिया है कि इस बार विधानसभा चुनाव में सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार उतारा जाएगा। दरअसल, भाजपा 15 मई से 15 जून तक विकास यात्राएं निकाल रही है। इसमें शामिल हो रहे कुछ सांसद, मंत्री और विधायकों का जनता विरोध कर रही है।
– विकास पर्व के लिए बड़े नेताओं को हिदायत
शाह को प्रदेश अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह ने २३ जून से छह जुलाई तक विधानसभा स्तर पर होने वाले विकास पर्व की तैयारियों की जानकारी भी दी है। शाह ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं को हिदायत दी कि विकास पर्व धूमधाम से मने और स्थानीय कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाए।
– सात नेताआें को सौंपी जिम्मेदारी
शाह ने सात बड़े नेताओं को चुनाव के मद्देनजर अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, थावरचंद गेहलोत, प्रभात झा, प्रहलाद पटेल, नरोत्तम मिश्रा और अजय प्रताप ङ्क्षसह शामिल हैं। इसमें चुनावी रणनीति तैयार करना, हर विधानसभा के दावेदारों को फाइनल करना, समन्वय और मीडिया के साथ सोशल मीडिया में प्रचार जैसे काम शामिल है।
– शाह के दौरे के अहम डेढ़ घंटे
शाह ने जबलपुर में साढ़े तीन घंटे एक होटल में बैठकें कीं, लेकिन सबसे खास वे डेढ़ घंटे रहे जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान और पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह के साथ बंद कमरे में मंत्रणा की। पार्टी में इस बात की खासी चर्चा है कि शाह ने इन डेढ़ घंटों में क्या चर्चा की।
– शाह की मौजूदगी में जनआशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी रणभूमि में कूदने से पहले बाबा महाकाल के दर्शन कर जनआशीर्वाद यात्रा पर निकलेंगे। सूत्रों के मुताबिक यात्रा की शुरुआत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में १४ या १५ जुलाई को होगी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में बुधवार को बैठक कर यात्रा का रूट तय किया गया है। शुरू में एक रथ मालवा में और दूसरा रथ विंध्य में चलेगा। सीएम एक दिन एक क्षेत्र तो दूसरे दिन दूसरे क्षेत्र में रहेंगे।
– नंदकुमार सिंह चौहान – खंडवा सांसद बुरहानपुर के पतौड़ा गांव में किसानों को सांत्वना देने गए थे। उनकी केले की फसल आंधी-बारिश में खराब हो गई है। चौहान के पहुंचते ही किसान बिफर गए और प्रति पौधे के हिसाब से मुआवजा देने की मांग करने लगे। चौहान को बैरंग लौटा दिया।
– बालकृष्ण पाटीदार – श्रम राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार को कुंडा नदी पर पुल बनाए जाने की मांग को लेकर लोगों ने घेर लिया। पाटीदार जब मंच पर बोल रहे थे तो उन्होंने कहा कि काम में कुछ समय तो लगेगा, लेकिन लोगों ने उनको मंच पर बोलने से भी रोक दिया और नारेबाजी करने लगे।