जैसे ही आपको यह बात पता चली होगी कि, दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जिनके ऊपर शुभ प्रभाव भी पड़ता है, तो आपके दिमाग़ में यह बात आई होगी कि, शनि देव के अशुभ और शुभ प्रभाव के बारे में कैसे पता लगाया जाए। ऐसे में हम आपको शनि देव की कृपा प्राप्त व्यक्तियों के में खास लक्षण बताते हैं और उनके भाग्योदय के बारे में भी बताएंगे। ऐसे में आपको यह अंदाजा लगाना होगा कि, आपमें भी यही लक्षण हैं, अगर ऐसा है तो इसका मतलब है कि आपके ऊपर शनि देव की कृपा बनी हुई है।
शनि की कृपा वाले व्यक्तियों के लक्षण
-शनि की कृपा जिन लोगों पर होती है, उनकी बचपन की यह निशानी होती है कि, उन्हें कम उम्र से ही हड्डियों की परेशनी रहने लगती है, जिसकी वजह से कई बार चलने फिरने में मुश्किल भी हो सकती है। पैरों में मोच आना या पैर या हाथ की हड्डी टूटना और कमर में दर्द आदि परेशानियों से ऐसे लोग ग्रस्त रहते हैं।
-इन लोगों को परेशानी जितनी बड़ी होती है उतनी दिखती नहीं है। इसका मतलब है कि इनके साथ बहुत बुरा हो जाए तब भी इन्हें ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ता है। ये लोग किसी प्रकार की अंदरूनी चोट के शिकार होते हैं जो जीवनभर इनके साथ लगी रहती है।
-ऐसे लोग किसी की मदद के बग़ैर ही जीवन में आगे बढ़ते हैं, इन्हें किसी की मदद लेना रास भी नहीं आता। ऐसे लोग खुद को शून्य से शुरु करके शनिदेव की कृपा के चलते एक ख़ास मुक़ाम पर पहुंच जाते हैं।
-सामने से एकदम सामान्य दिखने वाले ये लोग अंदर से हमेशा अकेले होते हैं। हक़ीकत यह है कि शनिदेव की कृपा दृष्टि जिनपर होती हैवो लोग भ्रमिक दुनिया में नहीं पड़ते इसलिए भी वो रिश्तों की सच्चाई होती है, जिसकी वजह से वह हमेशा अकेले होते है।
-छल-कपट बिलकुल भी पसंद न करने वाले शनिदेव की कृपा दृष्टि वाला व्यक्ति इस कारण ही लोगों से कम ही दोस्ती के रिश्ते बना पाता है, इनसे प्रभावित व्यक्ति भी कुछ ऐसा ही होता है। ये लोग आत्मज्ञानी होते हैं, इस कारण भी अकेले रहना ही ठीक समझते हैं।
-ऐसे लोग खुद सत्य़ मार्ग पर चलकर दूसरे को भी सत्य मार्ग की प्रेरणा देते हैं। ऐसे लोग समाज सुधारक, समाज सेवी या सन्यासी के रूप में जाने जाते हैं।
-शनि देव की कृपा प्राप्त व्यक्ति को 35 साल की उम्र के बाद कोई बड़ी सफलता मिलने की संभावना होती है। कई शनि प्रधान लोग वैराग्य जीवन जीना भी पसंद करते हैं।