
देश में गेहूं की सबसे प्रीमियम किस्म शरबती ही है। इसे 'द गोल्डन ग्रेन' भी कहा जाता है, इसका रंग सुनहरा होता है। यह हथेली पर भारी लगता है और इसका स्वाद मीठा होता है। शरबती में गेहूं की दूसरी किस्मों की तुलना में ग्लूकोज और सुक्रोज जैसे सरल शर्करा की मात्रा अधिक होती है। एक से ज्यादा सिंचाई करने से शरबती की चमक फीकी पड़ जाती है। एक से ज्यादा सिंचाई करने पर यूरिया खाद भी ज्यादा देना पड़ेगा। इससे गेहूं में केमिकल की मात्रा बढ़ जाती है।
सीधे खेत का सौदा
शरबती गेहूं का बाजार इतना अच्छा है कि मंडी के अलावा सॉरटैक्स प्लांट चलाने वाले व्यापारी सीधे ही किसानों से संपर्क करके भी शरबती गेहंू की खरीद कर लेते हैं। प्लांट से एक साइज के दानों को पैकेटों में पैक कर अन्य प्रदेशों में भेजा जाता है। बगुल्या गांव का गेहूं का बेस्ट क्वालिटी की चमक बेस्ट होता है। 2018 में आष्टा मंडी में शरबती गेहूं 4701 रुपए क्विंटल तक बिका था। इस बार सीहोर में अधिकतम भाव 5200 रुपए प्रति क्विंटल है।

जिला वर्ष 2011-12 वर्ष 2021-22
अशोकनगर 100000 60000
सीहोर 50000 35610
विदिशा 120000 30000
(नोट: गेहूं का रकबा हेक्टेयर में) पानी की उपलब्धता बढ़ी है
किसानों के पास पानी की उपलब्धता बढ़ती जा रही है, जिसके कारण वह अधिक उत्पादन वाली गेहूं की वैरायटियों की बोवनी कर रहे हैं। शरबती का उत्पादन 10 से 12 क्विंटल प्रति एकड़ है, जबकि दूसरी वैरायटी 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन दे देती हैं।
रामशंकर जाट, डीडीए सीहोर