scriptshardiya navratri : इस बार नवरात्रि में छह दिन विशेष योग से आएगी सुख-समृद्धि, शुभ मुहूर्त में करें भक्ति | shardiya navratri sanyog | Patrika News

shardiya navratri : इस बार नवरात्रि में छह दिन विशेष योग से आएगी सुख-समृद्धि, शुभ मुहूर्त में करें भक्ति

locationभोपालPublished: Sep 24, 2019 11:45:28 pm

Submitted by:

praveen malviya

दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि में शारदीय नवरात्रि का महत्व गृहस्थ साधकों में ज्यादा रहता है

भोपाल. शारदीय नवरात्रि का पर्व 29 सितम्बर से शुरू होगा। सात अक्टूबर को नवमी और आठ को दशहरा मनाया जाएगा। ज्योतिषविदों के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में छह दिन विशेष योग बन रहे हैं। इसमें दो अमृतसिद्धि, दो स्वार्थ सिद्धि और दो रवियोग होने से शक्ति की साधना करने वालों के लिए यह विशेष मौका है।

ज्योतिषाचार्य जगदीश शर्मा ने बताया कि सालभर के दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि में शारदीय नवरात्रि का महत्व गृहस्थ साधकों में ज्यादा रहता है। इसमें महिलाएं, युवतियां और बालिकाएं देवी की आराधना के साथ गरबा उत्सव में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। शहर के सभी देवी मंदिरों सहित राजधानी के आसपास स्थित कंकाली मंदिर, सलकनपुर माता मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। शक्ति की साधना करने वालों के अलावा गृहस्थ साधकों के लिए भी इस बार शारदीय नवरात्रि खास संयोग लेकर आ रही है। यह पर्व आराधकों को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और धनलाभ प्रदान करेगा।

हस्त नक्षत्र में शुरुआत
पं. शर्मा के अनुसार प्रतिपदा तिथि 28 सितम्बर रात 11.55 से है जो दूसरे दिन रविवार शाम 8.15 बजे तक रहेगी। हस्त नक्षत्र 28 सितम्बर को रात 10.30 बजे से है, दूसरे दिन शाम 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।

रवि योग में दशहरा
सात अक्टूबर को महानवमी दोपहर 12.38 तक रहेगी। इसके बाद विजयदशमी आठ अक्टूबर को दोपहर 2.51 तक रहेगी। विजयदशमी के दिन भी रवियोग रहेगा। इसमें शमी पूजन होगा।

घट स्थापना के शुभ मुहूर्त
29 सितम्बर- घट स्थापना
प्रथम मुहूर्त- सुबह 6 से 9 बजे
द्वितीय मुहूर्त- सुबह 9 से दोपहर 12.28 तक चौघडिय़ा
तृतीय मुहूर्त- दोपहर 12 से 12.55 तक अभिजीत मुहूर्त

पूजन से मिलेगा यह फल
पहला दिन – शैलपुत्री, शुभ
दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणी, ज्ञान प्राप्ति
तीसरा दिन- चन्द्रघंटा, विघ्नों का अंत
चौथा दिन- कूष्माण्डा, सुख सुविधा
पांचवां दिन- स्कंदमाता, पालन पोषण
छठा दिन- कत्यायनी, बीमारी, शत्रु मुक्ति
सातवां दिन- कालरात्रि, यश
आठवां दिन- महागौरी, कीर्ति
नवां दिन – सिद्धिदात्री, विजय और मोक्ष

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