स्प्रिंग रिपेयर नहीं होने की स्थिति में कोच को काटा गया। इसके बाद ट्रेन दिल्ली रवाना हुई। यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट किया गया। बताया गया है कि यह सेफ्टी स्प्रिंग झांसी के आसपास कहीं टूटी थी। जानकारी के मुताबिक, नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच शताब्दी एक्सप्रेस रविवार को अपने निर्धारित समय पर हबीबगंज आई। रोलिंग स्टॉफ द्वारा जांच के दौरान सी-8 कोच में स्प्रिंग टूटी दिखी।
पहले स्प्रिंग को बदलने का प्रयास किया गया, लेकिन इसे बदला नहीं जा सका। इसके बाद रेलवे ने इस कोच को ट्रेन से हटाने का निर्णय लिया। बीच में कोच लगा होने के कारण इसे शिफ्ट करने और दोबारा ट्रेन जोडऩे में लगभग एक घंटे का समय लग गया। ट्रेन को 40 मिनट की देरी से हबीबगंज से दिल्ली के लिए रवाना किया गया।
दिसंबर से अब तक आठवीं बार टूटी
गौरतलब है कि बीते 17, 19 और 26 दिसंबर के अलावा 2 जनवरी को जब चार अलग-अलग कोच की स्प्रिंग टूटी थी तो नार्दन रेलवे के अधिकारियों ने बोर्ड को भेजी रिपोर्ट में आशंका जताई थी कि ठंड की वजह से स्प्रिंग टूटी होगी। 2 फरवरी को 5वीं बार बीना के पास स्प्रिंग टूटी तो रेल अधिकारियों की उस रिपोर्ट पर ही सवाल उठने लगे थे।
4 सितंबर को टूटी स्प्रिंग से झांसी से हबीबगंज तक ट्रेन को दौड़ाते हुए लाए थे। इसके बाद पॉवर कार हटाकर ट्रेन रवाना की गई थी। यहां बड़ा सवाल यह है कि मामला यात्रियों की सुरक्षा से सीधा जुड़ा होने के बावजूद भी बार—बार हो रही इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए भोपाल जंक्शन के जिम्मेदार अधिकारी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।