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इंस्टा पर शिवराज लाइव, रौनक का सवाल- मुझे एक दिन का सीएम बना दो, शिवराज बोले- एक दिन क्यों मेहनत करो और परमानेंट सीएम बनो...

locationभोपालPublished: Feb 10, 2023 11:25:48 pm


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- इंस्टाग्राम पर शिवराज ने लाइव युवाओं के सवालों के जवाब दिए
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Congress on the verge of collapse - CM Shivraj Singh Chouhan
Congress on the verge of collapse - CM Shivraj Singh Chouhan

jitendra.chourasiya@भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर लाइव संवाद किया। मामाजी लाइव के हैशटेग से इस कार्यक्रम में आरजे अनादि और पिंकी ने शिवराज से उनकी कार्य-प्रणाली, विभिन्न योजनाओं और जीवन-शैली के संबंध में सवाल किए। इसमें लाइव सवाल भी लिए गए। शिवराज ने इनके जवाब देते हुए कहा कि मैं इस प्लेटफार्म पर नया हूँ, मेरे भांजे-भांजियां तो इंस्टाग्राम का पहले से ही उपयोग कर रहे हैं। इस मामले में वे मेरे गुरू हैं। इसलिए अगर कोई गलती हो जाए तो माफ करना। अनादि ने युवाओं के सवाल सीएम को बताए। रौनक ने सवाल किया कि नायक फिल्म की तरह एक दिन का सीएम मुझे बना दो, तो शिवराज बोले कि एक दिन क्यों, मेहनत करो और परमानेंट सीएम बनो। पढि़ए, सीएम के इंस्टा पर सवाल-जवाब...
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- आप दिन की शुरुआत कैसे करते हैं।
शिवराज- मैं सुबह जल्दी उठ कर समाचार-पत्र पढ़ता हूं, कुछ देर पैदल टहलता हूं और योग, प्राणायाम व ध्यान करता हूँ। गाय की दो बच्छियाँ को रोटी खिलाना और पौध-रोपण करने के बाद रोजमर्रा के कार्य शुरू करता हूं।
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- आप युवाओं को पौध-रोपण अभियान से कैसे जोड़ रहे हैं ?
शिवराज- मेरे अकेले पौध-रोपण करने से कुछ नहीं होगा। सबकी सहभागिता जरूरी है। मैं लगातार अपील कर रहा हूं कि अपने जन्म-दिन, विवाह वर्षगाँठ और परिजन की स्मृति में पौधे जरूर लगाए और उनकी देख-रेख भी करें।
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- आप सभी कार्यक्रम कन्या-पूजन से आरंभ करते हैं, ऐसा क्यों ?
शिवराज- हमारे देश में कहा गया है कि जहां नारी की पूजा होती है, उसका सम्मान होता है, वहीं देवता निवास करते हैं। मां-बहन, बेटी के बिना दुनिया नहीं चल सकती। कन्या-पूजन से समाज को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है। दैनिक जीवन में हम मां-बहन बेटी का सम्मान करें और उनके साथ बेहतर व्यवहार रखें।
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- शैलेष पूछना चाहते हैं कि आप दिन भर बिजी रहते हैं तो खाली समय में आप क्या करते हैं ?
शिवराज- देखो आपने कहा, आपको टाइम नहीं मिलता खाने का, तो फ्री टाइम बचा कहां ..? फ्री टाइम मेरे पास होता है जब मैं बाय रोड सफर करता हूं। रात में अगर इंदौर से भोपाल आना है तो मेरे पास ढाई घंटे होते हैं और इस समय का उपयोग हम गाने सुनने में करते हैं। जब थोड़ा समय मिलता है तो मैं सोचता हूं थोड़ा गाना सुन लिया जाए तो मैं अपनी गाड़ी में गाना सुनता हूं। पसंद के पहनाने के जवाब में कुर्ता-पायजामा के अलावा पेंट-शर्ट व टीशर्ट को भी पसंद बताया।
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- रौनक दुबे पूछ रहे हैं मामा जी मुझे एक दिन का सीएम बना दो ऐसा उनका कहना है।
शिवराज- बेटा वो फिल्म थी उस फिल्म से हमें सीखना ये चाहिए कि हम एक दिन में भी कैसे चीजें बेहतर कर सकते हैं। हालांकि हम जानते हैं फिल्म और वास्तविकता में जमीन आसमान का फर्क होता है, लेकिन सीएम बनना है तो एक दिन के लिए क्यों बनना। बनना है तो मेहनत करो परमानेंट सीएम बनो कोई दिक्कत की बात नहीं है। जो लक्ष्य तय करके परिश्रम करता है वो लक्ष्य को प्राप्त करता है। बनना है तो 1 दिन के लिए क्यों बनना फिर राजनीतिक क्षेत्र में आओ मेहनत परिश्रम कर आगे बढ़ो मुझे लगता है कि 1 दिन सफलता मिलेगी।
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- आपने लाडली बहना योजना की शुरुआत की है क्यों?
शिवराज- लाडली लक्ष्मी तो आप जानती हैं इसलिए उसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। बेटी बोझ न बने, बेटी वरदान बन जाए इसलिए मध्यप्रदेश की धरती पर बेटी पैदा हो तो लखपति पैदा हो इसलिए हमने बनाई लाडली लक्ष्मी योजना, इसमें बेटियों की पढ़ाई से लेकर बाकी सारी व्यवस्थाएं योजना के अंतर्गत होती है। लाडली बहना भी महिला सशक्तिकरण का मेरा एक अभियान है अगर मां सशक्त है घर में बहन सशक्त है, तो परिवार सशक्त है। परिवार सशक्त है तो प्रदेश सशक्त है और प्रदेश सशक्त है तो देश सशक्त है।
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- मध्यप्रदेश के मामाजी बनने का जो सफर है, इसकी शुरुआत कैसे हुई ?
शिवराज - यह लाडली लक्ष्मी योजना से ही हुई। मैंने एक योजना बनाई जिसके बारे में आप लोग जानते हैं कि प्रदेश में अगर बेटी पैदा हो तो लखपति पैदा हो बेटी के खाते में जन्म लेते ही हम 30 हजार रुपये डाल देते हैं। इस योजना को बनाने के बाद फिर हमने यह भी कहा कि बेटियां अगर स्कूल जाएंगे तो किताबें निशुल्क, दूसरे गांव जाएं तो साइकिल निशुल्क कई तरह की सुविधाएं दी तो सबसे पहले बेटियों ने ये तो हमारे मामा हैं। तो सबसे पहले बेटियों ने कहा मामा हैं फिर बेटों ने भी मामा कहना शुरू किया अब तो ये हालत हो गई है कि बूढ़े भी मुझे मामा ही कहते हैं। मामा मतलब, जिसके मन में बेटियों के प्रति दो मां का प्यार हो, वो मामा।
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- सरकारी नौकरी या खुद का बिजनेस, इस पर आप क्या कहेंगे?
शिवराज - 1 लाख 14 हजार पदों पर भर्तियां जारी हैं। लाखों बच्चे उसमें भाग ले रहे हैं। इसके बाद शासकीय सेवा में और भी जितनी आवश्यकता होगी हम लगातार पद निकालते चले जाएंगे। लेकिन, शासकीय के अलावा अशासकीय सेक्टर भी हैं। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना जिसमें 1लाख से 50 हजार रु तक का लोन की गारंटी मामा लेता है, सब्सिडी भी हम देते हैं। उसके तहत आप अपने बिजनेस के लिए लोन ले सकते हैं। मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्टार्टअप के लिए हमने नई नीति बनाई है। अभी पिछले दिनों मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट था। जिसमें 15 लाख 42 हजार 500 करोड़ निवेश के प्रस्ताव हमारे पास आए हैं। उस निवेश से रोजगार भी मिलेंगे और बच्चे चाहे तो खुद उद्योगपति बन जाए। इसके लिए हमने स्किल डेवलपमेंट मिशन चलाया है। जिसमें हम स्किल्ड मैन पावर तैयार कर रहे हैं।
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- विकास लाल यादव ने पूछा- आपके बचपन के कुछ किस्से बताईये?
शिवराज- एक किताब में हमने पढ़ा कि भगवान को हमें प्राप्त करना है तो उसके लिए हमें तपस्या करनी पड़ती है। मैं धु्रव और प्रहलाद की तरह भगवान की गोद में बैठना चाहता था। बचपन में मेरे गांव के आसपास जंगल था। नर्मदा जी के किनारे मेरा गांव है। वहां पर कई बार मैं जाकर पूजा करता और यह कोशिश करता था कि भगवान आ जाएं और मुझे गोद में बैठा लें। ऐसे अनेकों किस्से हैं। बचपन में हम लोग गांव के किनारे खेलते थे।
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- सौरभ ने पूछा- आपकी सफलता का क्या राज है..?
शिवराज- आप लक्ष्य निर्धारित कीजिए आपको करना क्या है। लक्ष्य निर्धारित करके इस लक्ष्य तक पहुंचने का रोड मैप बनाइए और उस रोड मैप पर चलिए उसके लिए घन घोर परिश्रम करना पड़ता है। कई बार आप नॉर्मल लाइफ नहीं जी सकते जब चाहो आराम कर लो, जब चाहो मस्ती कर लो। मैंने बचपन की मस्ती ही नहीं देखी, जो तय किया उसे पूरा करने में जुट गया। एक शिष्य ने बाबा से कहा मुझे भगवान के दर्शन कराओ
बाबा ने बोला तुम्हारी इच्छा है। शिष्य ने बोला हां मेरी है। बाबा ने बोला मैं बताता हूं इच्छा कैसी होती है मैं बताता हूं। बाबा एक नदी में ले गए और शिष्य से कहा डुबकी लगाओ। जैसी ही शिष्य ने डुबकी लगाई बाबा ने गर्दन पकड़ कर पानी में गर्दन दबा दी। शिष्य उपर आने की कोशिश कर रहा था। आधे मिनिट के बाद बाबा ने छोड़ा और बच्चा उपर आया। शिष्य कहने लगा, तुम कैसे गुरु हो तुम तो मेरे प्राण ले रहे थे। बाबा ने कहा- तुम्हारा सिर पानी में था, तब तुम्हें क्या लग रहा था। शिष्य बोला- कैसे मैं बाहर निकलूं। बाबा ने कहा जैसे उस समय बैचेनी हो रही थी कैसे बाहर निकलूं उतनी ही इच्छाशक्ति तुम्हें भगवान को प्राप्त करने की होगी तब तुम भगवान को प्राप्त कर पाओगे।
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- अजय ने पूछा- आपका फेवरेट सॉन्ग कौन सा है..?
शिवराज- एक नहीं वैसे तो कई हैं एक गीत जो मुझे बहुत अच्छा लगता है। ओढ़ी चुनरिया आत्मा मेरी, मैल है माया जाल, ये दुनिया मेरे बाबुल का घर, वो दुनिया ससुराल। जाके बाबुल से नैना मिलाऊ कैसे, लागा चुनरी में दाग छुपाऊं कैसे। मन्नाडे का यह गीत अद्भुत लगता है। एक गीत और जो मुझे प्रेरणा देता है वह है किशोर कुमार का, रुक जाना नहीं, तू कहीं हार के, काँटों पे चलके मिलेंगे साए बहार के...एक और गीत मुकेश कुमार का, पहला घंटा बचपन, दूसरा जवानी तीसरा बुढ़ापा और उसके बाद, मैं नहीं, तू नहीं, ये नहीं, वो नहीं। और, ऐ भाई..! जरा देख के चलो।
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- इंस्टा लाइव पर आप क्या मैसेज देना चाहेंगे..?
शिवराज- देखो, ये जीवन बड़ा अमूल्य है। ये जीवन गवाने के लिए नहीं है। यह जीवन पेट भरने और केवल जनसंख्या बढ़ाने के लिए भी नहीं है। इसका मतलब यह भी नहीं कि आप मौज मस्ती ना करो। आप मौज मस्ती भी करो, खेलो भी लेकिन उद्देश्य पूर्ण जीवन कैसे जीये यह जरूर सोचना..। कितने साल हम जीयेंगे। मैं कोई निराशा की बात नहीं कर रहा। युधिष्ठिर-यक्ष का संवाद तुम हमेशा ध्यान रखना। पांच भाई पत्नी के साथ जा रहे थे, तो बीच में उन्हें प्यास लगी तो पानी लाने के लिए एक-एक भाई को भेजा। जब वह पानी लेते थे तो यक्ष उनसे सवाल पूछता था कि मेरे सवाल का जवाब दिए बिना अगर पानी पी लिया तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी; नहीं माना तो बाकी चार भाइयों की मृत्यु हो गई। तब युधिष्ठिर गए और पानी पीने की कोशिश की तो यक्ष ने कहा, पहले मेरे सवालों का जवाब दो। कई सवाल यक्ष ने युधिष्ठिर से किए। उसी में से एक सवाल था कि दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है तब युधिष्ठिर ने कहा कि मृत्यु अंतिम सत्य है लेकिन इसके बाद भी हम व्यवहार ऐसा करते हैं, जैसे सदैव इसी दुनिया में रहना है। यही दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य है। यह जीवन 90 या 100 साल के लिए मिला है। जितने भी साल के लिए मिले, इसे उद्देश्य पूर्ण जीयों, केवल अपने लिए नहीं, अपनों के लिए भी। देश के लिए भी, समाज के लिए भी।
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- आपको सर्वाधिक प्रेरणा किससे मिलती है ?
शिवराज- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरे लिए सर्वाधिक प्रेरक व्यक्तित्व हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व में एक अलग स्थान बनाया है।
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- अगले 5 साल की क्या योजना है ?
शिवराज- हम राज्य को एक कदम और आगे ले जाएंगे। अधो-संरचना का विस्तार, एयरपोर्ट, मेट्रो, रोप-वे, ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट, नगरों और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास होगा। स्टार्टअप के साथ स्किल्ड मेनपॉवर को प्रोत्साहित किया जाएगा। हम ज्ञान के बल पर दुनिया पर राज कर सकते हैं। हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के लिए अग्रसर होंगे।
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शिवराज बोले- मैंने अरेंज-मैरिज की, लेकिन उसे लव मैरिज में बदल दिया...
- अजय यादव ने पूछा- आपकी लव मैरिज हुई या अरेंज मैरिज ?
शिवराज- देखिए मैं अपनी पत्नी को प्रेम करता हूं, हर एक को करना चाहिए। लेकिन मैरिज अरेंज की मेरे माता-पिता ने, मेरी मां तो बचपन में चली गई थीं पिता जी ने की। कुल मिलाकर मैरिज हो गई और मैरिज इसलिए होती है कि पति-पत्नी के बीच अंडरस्टैंडिंग रहे प्रेम रहे। कई बार हम देखते हैं कुछ लोगों में दरारें पड़ती है या घर के बारे में सुनते हैं तो मन में थोड़ी तकलीफ होती है। शुद्ध सात्विक प्रेम अगर आप करते हो तो वहां फिर मतभेद और झगड़ों का कोई स्थान नहीं और अगर होता भी है तो वह प्रेम से सुलझ जाता है। यह बात सच है कि मेरी अरेंज मैरेज है लेकिन मैंने उसे लव मैरिज में परिवर्तित कर दिया। हम पति पत्नी एक दूसरे से प्रेम करते हैं और पत्नी मेरे हर काम के पीछे पूरी ताकत के साथ खड़ी रहती है। वो मेरी ताकत भी है यह बात कहने में मुझे कोई दुविधा भी नहीं है।
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