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दिल्ली में केंद्रीय मंत्री खटीक-तोमर से मिले शिवराज, प्रदेश के लिए मांगे करोड़ों

locationभोपालPublished: Jul 11, 2021 11:49:43 pm

80-110 प्रतिशत सरप्लस शेयरिंग माॅडल को मध्यप्रदेश में लागू किया

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सीएम शिवराज सिंह चौहान।

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वीरेंद्र खटीक से मुलाकात की। शिवराज ने खटीक को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने पर बधाई दी। साथ ही खटीक से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत इंदिरा गाधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा व नि:शक्त पेंशन योजना में 11.38 लाख अतिरिक्त पात्र हितग्राहियों पर 66.78 करोड प्रतिमाह के खर्च को देने की मांग की। अभी यह खर्च राज्य सरकार उठा रही है, जबकि केंद्र 22.05 लाख हितग्राहियों के लिए बजट दे रहा है। इसके अलावा जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के लिए 8.44 करोड़, दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना के लिए 7.59 करोड़, 10 जिलों में एडिप योजना के लिए 3.39 करोड और 12 संस्थाओं की एजीपी योजना के लिए 1.75 करोड देने की मांग की। साथ ही जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के 18 जिलों के लिए 59.64 करोड के प्रस्ताव को भी जल्द मंजूर करने के लिए कहा। इसके अलावा तोमर से मुलाकात में सीएम ने प्रदेश की योजनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके निवास पर मुलाकात की।
शिवराज ने तोमर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के, वर्ष 2021-22 के लिए, सरप्लस शेयरिंग माॅडल को प्रदेश में क्रियान्वित करने के लिए अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया। शिवराज ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2020 एवं रबी 2020-21 में क्रियान्वित करने के लिए बीमा कम्पनियों के चयन के लिए 03 बार निविदा जारी की गई, किन्तु प्रीमियम दरें अधिक आने के कारण शासन द्वारा 80-110 प्रतिशत सरप्लस शेयरिंग माॅडल को मध्यप्रदेश में लागू किया गया है। सरप्लस शेयरिंग माॅडल के अनुसार बीमा कम्पनी की क्लेम देनदारियां कुल प्रीमियम के 80 से 110 प्रतिशत रहेंगी। कुल प्रीमियम के 110 प्रतिशत से अधिक स्तर का क्लेम राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा तथा 80 प्रतिशत से कम दावा बनने पर बीमा कम्पनी द्वारा 80 प्रतिशत सीमा के अतिरिक्त की राशि राज्य शासन को वापस की जाएगी। सरप्लस शेयरिंग माॅडल में क्लेम की गणना में राज्य शासन की सहभागिता होती है, जिससे किसानों को पारदर्शी व्यवस्था से बीमा का लाभ मिलता है तथा प्रीमियम की राशि कम होने से राज्यांश तथा केन्द्रांश की राशि कम रहती है। शिवराज ने केन्द्रीय मंत्री को प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन फसल मूंग का 5.00 लाख मीट्रिक टन उपार्जन लक्ष्य बढ़ाने का भी अनुरोध किया।
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