शिवराज की गुगली वाइड बॉल, मैं बोल्ड नहीं होउंगा : कमलनाथ
- बागी और भाजपा विधायकों से संपर्क

भोपाल : फ्लोर टेस्ट कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने प्लान एक के साथ प्लान बी भी तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने बारी-बारी से सभी मंत्री पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सभी के साथ बैठक कर अपनी रणनीति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने जो गुगली की है वो वाइड बॉल होगी और शिवराज की कोई भी गुगली मुझे बोल्ड नहीं कर पाएगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बागी विधायक उनके संपर्क में हैं और भाजपा विधायक भी उनसे मिलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के कई विधायक भी असंतुष्ट हैं। कमलनाथ से मिलकर सीएम हाउस से बाहर निकले उच्चशिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सीएम ने बोला है हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, इसमें एक गुंजाइश ये थी कि जिन विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनका यहां पर होना जरुरी था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने की बाध्यता स्पीकर की है,हम फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं। पटवारी ने कहा कि जो लोग वोट लेते हैं उनका दायित्व होता है कि वो उन दायित्वों का निर्वाहन करें, कानून से कई बार अपराध करने वाले बच जाते हैं ये उस तरह की नजीर है। पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि ये स्वस्थ्य लोकतांत्रिक परंपरा होगी कि सारे विधायक फ्लोर टेस्ट में शामिल हों तभी न्याय की बात होगी, फ्लोर टेस्ट के लिए हम पहले भी तैयार थे और अब भी तैयार हैं, लेकिन सभी विधायक मौजूद हों तो वही उचित होगा। हम फ्लोर टेस्ट से भागने वाले नहीं है, हम तैयार हैं। पांसे ने कहा कि कभी राजनीति में गीला भी चलता है सूखा भी चलता है हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि कोर्ट का हम सम्मान करते हैं, स्पीकर का जो आदेश होगा हम वो करेंगे, हम पूरी तरह से तैयार हैं, वीडियोग्राफी भी होनी चाहिए, हाथ उठाकर भी होना चाहिए। कुणाल ने कहा कि मैं डीजीपी और सीएम से कहूंगा कि बेंगलुरू में विधायकों से जाकर उनकी स्वेच्छा पूछी जाए, फ्लोर टेस्ट है तो कोई भी विधायक नहीं चाहेगा कि वो ऐसे मौके पर बाहर रहे।
मैरियट में विधायकों के बीच बंसल और रावत की ड्यूटी :
होटल कोर्टियार्ट मैरियट में ठहरे कांग्रेस विधायकों के बीच केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश रावत और पवन बंसल की ड्यूटी लगाई गई है। दोनों नेता विधायकों से अलग-अलग बात कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के फैसले के बारे में विधायकों को बताया जा रहा है और उनको फ्लोर टेस्ट की पूरी प्रक्रिया भी समझाई जा रही है। नेताओं ने विधायकों से कहा कि सभी विधायक साथ में रहें और सरकार के पक्ष में मतदान करें, इसमें किसी भी प्रकार की चूक न हो ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
कांग्रेस का प्लान ए :
कांग्रेस के प्लान ए के तहत 92 कांग्रेस विधायक, 4 निर्दलीय विधायक, 2 बसपा और 1 सपा विधायक को एकजुट रखना है। ये पक्का करना है कि सभी कांग्रेस के पक्ष में खड़े हों। इस तरह सरकार समर्थित विधायकों की संख्या 99 हो जाएगी। सरकार को भरोसा है कि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी उनको समर्थन करेंगे। इस तरह कांग्रेस 100 के नंबर पर आकर खड़ी हो जाएगी। 16 बागी विधायकों को मनाने और अपने पाले में लाने की अंतिम कोशिशें की जा रही हैं। उनमें से 2-4 विधायक भी यदि सरकार को समर्थन देते हैं तो सरकार को बहुत फायदा हो जाएगा। इसके लिए साम,दाम,दंड,भेद की रणनीति अपनाई गई है।
कांग्रेस का प्लान बी :
सरकार बचाए रखने के लिए कांग्रेस ने प्लान बी भी तैयार किया है। कांग्रेस को लगता है कि यदि प्लान बी काम कर गया तो सरकार को आसानी से बहुमत हासिल हो जाएगा। इस प्लान के तहत भाजपा की कमजोर कडिय़ों को लक्ष्य बनाया गया है। इसकी जिम्मेदारी मंत्रियों को सौँपी गई है। सूत्रों की मानें तो ये दावा किया जा रहा है कि भाजपा के 4-5 विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं और यदि ये प्लान सफल हुआ तो सरकार को कोई खतरा नहीं होगा।
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