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शिवराज बोले- अर्जुन को चिडिय़ा की आंख दिखती थी, आप बच्चों को बस पढ़ाई दिखाई दें..

locationभोपालPublished: Jul 31, 2021 06:52:54 pm

——————- शिवराज का विद्यार्थियों से वचुर्अल संवाद : 9वीं एवं 10वीं की कक्षाएं 5 अगस्त से होंगी प्रारंभ——————-

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शिवराज सिंह चौहान।

Jitendra Chourasiya, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य, हमारे लिए दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए धीरे-धीरे हमने कक्षाएं प्रारंभ की हैं। नौवीं व दसवीं की कक्षाएं भी 5 अगस्त से प्रारंभ की जा रही हैं। अभी ये कक्षाएं सप्ताह में दो-दो दिन ही लगेगीं। यह बात शिवराज ने शनिवार को सीएम हाउस से 9वीं से 12वीं तक के स्कूली बच्चों से वचुर्अल संवाद में कही। शिवराज ने कहा कि कोरोना काल में ऑन लाइन क्लासेस हों या टीवी कार्यक्रम, रेडियो, वाट्सएप गु्रप आदि के जरिए शिक्षण चलता रहा।
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अर्जुन कथा : बोल- तुम्हें बस पढ़ाई दिखाई दें…
शिवराज ने कहा कि विद्यार्थियों को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य को अर्जुन की तरह सुनिश्चित करने के लिए कहा। जिस प्रकार तीरंदाजी के प्रशिक्षण के समय गुरु द्रोणाचार्य के यह पूछने पर कि उसे क्या दिखाई दे रहा है, अर्जुन ने कहा था कि उसे न पेड़ दिखाई दे रहा है और न चिडिय़ा, उसे सिर्फ चिडिय़ा की आंख दिखाई दे रही है। छात्रों को भी एकाग्रचित्त होकर अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। भविष्य की चिंता मत करो, केवल परिश्रम करो।
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शिवराज बोले- बेटे के जन्म पर सबसे पहले गायत्री मंत्र सुनाया था..
शिवराज ने अभिभावकों से कहा कि बच्चों के पहले शिक्षक माता-पिता ही होते हैं। मुझे याद है कि मेरे दोनों बेटों के जन्म के बाद मैंने उनके कान में सबसे पहले गायत्री मंत्री सुनाया था और आज भी मैं उन्हें धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए प्रेरित करता रहता हूँ। इस चुनौतीपूर्ण समय में को-एजुकेटर के रूप में उनकी भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। आप लोग परिवार में पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल बनाएं और हमारा घर हमारा विद्यालय की परिकल्पना को साकार करें। बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलकूद, व्यायाम, प्राणायाम आदि फिजिकल एक्टिविटी भी कराते रहें।
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नवम्बर में नेशनल अचीवमेंट सर्वे-
शिवराज ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नवम्बर में एन.ए.एस (राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण)भी आयोजित होगा। इसमें मध्यप्रदेश को टॉप 10 में लाने का लक्ष्य रखें। नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर अधिक जोर दिया गया है। शिवराज ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।
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अक्ल नहीं है सोचोगे, तो मुंह की मक्खी भी पड़ोसी उड़ाएंगे-
शिवराज बोले- ये जो आजादी हमें मिली है, वह अंग्रेजों ने चांदी की तस्तरी में रखकर नहीं दी है। हजारों क्रांतिकारियों और शहीदों ने लाल रक्त से इस भूमि को पवित्र किया, तब ये आजादी मिली है। इसकी कीमत पहचानों। आजादी के त्याग, तपस्या को समझो। शिवराज ने जलिया वाला बाग कांड की कहानी भी सुनाई। फिर शिवराज ने कहा कि आप लोग उम्र के उस पड़ाव पर हो, जब अपने जीवन की दिशातय कर सकते हो। इसमें माता-पिता, गुरूओ का सहयोग लो। एक रोडमैप बनाकर काम करो।कोई सोचेगा कि मुझमें अक्ल ही नहीं है, तो मुंह की मक्खी भी पड़ोसी को उड़ानी पड़ेगी। हम जैसा सोचते हें, वैसा बन जाते हैं। इसलिए आज से ही सोचो कि कुछ करना है। कुछ बनना है। उसके लिए लक्ष्य तय करके आगे बढ़ो।
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पिज्जा-बर्गर नुकसानदायक, कम खायें-
शिवराज ने गुजरा जमाना बचपन का पंक्तियां गाते हुए कहा कि मुझे आज भी अपने बचपन के दोस्त, अपने टीचर और शैतानियां और खान-पान सब याद आता है। हम भी स्कूल में बेर, कबीट,आम आदि खाया करते थे। अब आप लोग पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक जेसे जंक फूड ज्यादा खा रहे हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। आप ये खायें, परंतु कभी कभी।
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वचुर्अल संवाद :
शिवराज ने वचुर्अल संवाद में विदिशा की आस्था तिवारी, दमोह के प्रशांत, जबलपुर की मान्या साहू, रायसेन के मोहित शर्मा और भोपाल की श्रुति गुप्ता से बातचीत की। आस्था से शिवराज ने पूछा कि क्या पसंद है, तो आस्था ने कहा एंकरिंग। शिवराज बोले- अच्छा बोलती हो, अच्छी वक्ता हो। आगे क्या बनना चाहती हो, तो आस्था ने जवाब दिया कि आईएएस अफसर बनना है। शिवराज ने कहा कि आपका आत्मविश्वास देखकर विश्वास है िक आप आईएएस अफसर बनेंगी। इसी तरह अन्य बच्चों से भी चर्चा हुई।
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ये दिए सूत्र-
– जैसा कहें, वैसा करना अपने चरित्र को गढ़ता है।
– गलत संगति से बचना भी ज़रूरी है।
– गुरुओं के लिए भी अध्यापन से बड़ा कोई धर्म नहीं।
– बच्चे एकाकी महसूस न करें, अभिभावक समय दें।
– अपने मस्तिष्क की क्षमता के बहुत कम भाग को इस्तेमाल करते हैं।
– सरस्वती के भण्डार की बडी अजूबी बात, आप जितना खर्चोगे उतना बढ़ेगा।
– हम जैसा सोचते हैं वैसा बन जाते हैं। बड़ी सोच रखो, लक्ष्य रखकर काम करो।
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