[email protected]भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईएएस अफसरों से कहा कि कुछ अफसर अंग्रेजों के जमाने के माइंडसेट वाले उदाहरण वाले भी होते हैं। सीधे ऊपर ही आसमान में देखते हैं। नीचे देखते ही नहीं। उन्हें नीचे के लोग छोटे दिखते हैं। वो अंग्रेजों का समय था, तब वे अफसर को जनता से डिस्कनेक्ट रखते थे। तब अफसर शासन के प्रति वफादार होते थे, लेकिन आज कनेक्ट होने का जमाना है। जनता से कनेक्ट होकर काम करो।
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यह बात शिवराज ने गुुरुवार को प्रशासन अकादमी में सिविल सर्विस डे पर कार्यक्रम में कही। यहां शिवराज ने कहा कि गठन से अब तक मध्यप्रदेश ने विकास की कई मंजिलें तय की है। जब भी चुनौतियां आई हम डरे नहीं। जान दांव पर लगाकर काम किया। सरकारें नीतियां तय करती हैं, लेकिन आप लोग उसका क्रियान्वयन करते हो। इसलिए आप महत्वपूर्ण हो। शिवराज ने कहा कि अफसर को अच्छे काम करने वाला होना चाहिए। ऐसा कौन, तो खुले दिमाग वाला, बेहतर फैसले लेने वाला, अहंकार शून्य और धैर्य वाला व्यक्ति होना चाहिए। दो तरह के लोग होते हैं। एक जिनसे मिलते ही उत्साह से भर जाते हैं। दूसरा, जो कहते हैं कि कहां लगे हो चक्कर में। ये इंडिया कभी सुधरने वाला नहीं। लेकिन, कृष्ण कहते हैं कि उत्साह से रहो। हमें-आपको निराश होने का हक नहीं। उत्साह व आशा से हमेशा भरे रहना चाहिए। शिवराज ने युधिष्ठर के यक्ष प्रश्र का किस्सा सुनाकर कहा कि सब जानते हंैं कि मरना है, लेकिन व्यवहार उलट करते हैं। इसलिए ऐसा काम कर जाओ जो हमेशा याद रहे। कोई भी काम करो, दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। सीएम ने कहा कि प्लानिंग करके काम करना चाहिए। शिवराज ने कहा कि आप महत्वपूर्ण हो, एक कलेक्टर जिले को बदल देता है। शिवराज ने कहा एक बार बंसल गया, तो एक महिला मिली। बोली कि दो बच्चे थे वे चले गए। अब केवल एक बच्चा है उसका लीवर ट्रांसप्लांट होना है। मैंने इंतजाम किया। उसका फोन आया, तो लगा कि जिंदगी सार्थक हो गई। सीएम बनना सफल हो गया। इसी तरह एक और किस्सा सुनाकर शिवराज ने कहा कि एक बार उनके निवास पर व्यक्ति मिलने आया, बोला कि मैं इन हाथों से माला पहनाना चाहता हूं। मैं लेट हो रहा था, लेकिन जब उसने बताया कि सिंगरौली में एक बार मैं गया था तो वहां उसके आर्टिफिशयल हाथ लगाने का कहकर आया था। उसे अब आर्टिफिशयल हाथ लग गए हैं वो उसी से माला पहनाना चाहता है। तो यह जानकार आंखें भर आई। आप लोग भी जीवन को सार्थक करो।
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बिजली गुल, सीएम बोले- कोयला संकट...
सीएम के भाषण के दौरान चंद मिनटों के लिए बिजली गुल हो गई। इस पर सीएम ने ऊर्जा पीएस संजय दुबे का नाम लेकर पूछा कि वे हैं क्या? कोयला संकट चल रहा है। वे कल ही कह रहे थे कि कोयले की रैक ज्यादा चाहिए।
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काम का संतुलन जरूरी -
मैंने एक दिन भी आराम किया, तो वह साढ़े आठ करोड़ जनता का नुकसान है। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि आप परिवार को टाइम न दो। परिवार को भी समय देना जरूरी है। काम का संतुलन जरूरी है। मन और शरीर दोनों फिट रहना चाहिए। योग-ध्यान-प्राणायाम आपकी क्षमता को बढ़ा देते हैं। इसे अपनाएं। सीएम ने कहा सिविल सर्विस कैरियर नहीं सेवा का अभियान है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बीते साल के कोरोना काल का जिक्र कर कहा कि कई बार कठिनाई निकल जाने के बाद हम उसे भूल जाते हंैं, लेकिन उसे याद रखकर काम करना चाहिए। भारत सरकार कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन के सदस्य आर बालासुब्रमण्यम ने द्वितीय सत्र में सिविल सर्विस के भविष्य पर संवाद किया।
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