मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को छतरपुर जिले की बड़ामलहरा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी के समर्थन में सभा को संबोधित कर रहे थे। चौहान ने चुनावी सभा में इमरती देवी के अपमान का मुद्दा एक बार फिर उठाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के कहने पर भी कमलनाथ डबरा प्रत्याशी इमरती देवी से माफी नहीं मांग रहे हैं। रावण को भी सभी ने समझाया था लेकिन वह नहीं माना और सीता मैया के अपमान के कारण उसकी लंका ही नष्ट हो गई। इस सभा में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
चौहान ने कहा कि विकास ही मेरा परम ध्येय है। केन और बेतवा नदी को जोड़कर हम पन्ना, छतरपुर, बुंदेलखण्ड के चप्पे-चप्पे में पानी को पहुंचा देंगे। खेती में मध्यप्रदेश को पंजाब से भी हम आगे ले जायेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने बुंदेलखंड अंचल की ठेठ भाषा में लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह उमा भारती की कर्मभूमि है। वे चमत्कारी नेता हैं। उमा भारती ने राम मंदिर निर्माण के लिए जो प्रण लिया था, उसे पूरा करके ही दिखाया है। चौहान ने भूखा-नंगा कहने को लेकर कमलनाथ पर हमला बोला। कमलनाथ को सेठ बताते हुए पूछा कि वे बुंदेलखंड को क्या जानें। क्या वे बता सकते हैं आल्हा-उदल कौन थे।
सुरखी के सिहोरा में क्या बोले चौहान
चौहान सागर जिले की सुरखी विधानसभा के सिहोर भी गए। यहां उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कमलनाथ जी, यह मध्यप्रदेश की धरती है, जिसने आपको बहुत कुछ दिया है; इससे प्रेम करना सीखिए। माताओं-बहनों का सम्मान कीजिए, अन्यथा यह धरती आपसे सब कुछ ब्याज समेत वसूलेगी।
No data to display.सांची में क्या बोले सीएम चौहान रायसेन जिले की सांची विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर भी गए। यहां उन्होंने हरदौट में बूथ सम्मेलन को संबोधित किया। चौहान ने कहा कि विकास और जनता के कल्याण के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति आवश्यक है। मन में प्रबल इच्छा हो, तो कोई भी कार्य पूर्ण हो जाता है, लेकिन कमलनाथ जी तो हर समय केवल पैसों का रोना ही रोते रहे।