इसके बाद अब रेत खदान पंचायतों के जरिए संचालित होंगी। वहीं नर्मदा क्षेत्र में मशीनों से रेत खनन पर प्रतिबंध लगा रहेगा। साथ ही रेत परिवहन की अनावश्यक चेकिंग से भी मुक्ति मिलेगी। सॉफ्टवेयर से होगी बुकिंग:
जानकारी के अनुसार सरकार प्रदेश में करीब 1200 रेत खदानें खोलने जा रही है। वहीं 821 खदानें पंचायत के माध्यम से दी जाएंगी। इनकी बुकिंग सॉफ्टवेयर से होगी। वहीं खदान से निकलने वाले वाहन की जांच नही होगी। उसमें रेत ट्रैक्टर ट्रॉली से निकलेगी।
जानकारी के अनुसार सरकार प्रदेश में करीब 1200 रेत खदानें खोलने जा रही है। वहीं 821 खदानें पंचायत के माध्यम से दी जाएंगी। इनकी बुकिंग सॉफ्टवेयर से होगी। वहीं खदान से निकलने वाले वाहन की जांच नही होगी। उसमें रेत ट्रैक्टर ट्रॉली से निकलेगी।
रेत की रायल्टी 125 रुपए प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होगी। इससे 40 फीसदी तक दाम गिर सकते हैं जिससे घर बनाना सस्ता होगा। अब ग्राहकों को रेत सीधे पंचायतों के घाटों से मिलेगी। इसके बाद अब पहली बार पूरे प्रदेश में रेत की समान रायल्टी होगी।
भोपाल सैंड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सोनोडिया कहते हैं, रायल्टी की अधिकतम दर तय होने से ठेकेदारों का एकाधिकार खत्म होगा और ग्राहकों तक सस्ती रेत पहुंचेगी। अभी प्रदेश में 464 रेत खदानें संचालित हैं। इनमें 400 से अधिक खदानें मप्र खनिज विकास निगम के पास है।
रायल्टी 100 और हैंडलिंग चार्ज 25 रुपए होगा-
अभी तक रायल्टी की दर ठेके और ठेकेदार तय करते थे, लेकिन 125 रुपए प्रति घनमीटर किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें रायल्टी 100 रुपए और हैंडलिंग चार्ज 25 रुपए होगा। दावा है कि अभी औसत रायल्टी 300 रुपए प्रति घनमीटर है।
1200 – खदानें खोलेगी सरकार।
125 रुपए – प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होगी रायल्टी।
अभी तक रायल्टी की दर ठेके और ठेकेदार तय करते थे, लेकिन 125 रुपए प्रति घनमीटर किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें रायल्टी 100 रुपए और हैंडलिंग चार्ज 25 रुपए होगा। दावा है कि अभी औसत रायल्टी 300 रुपए प्रति घनमीटर है।
1200 – खदानें खोलेगी सरकार।
125 रुपए – प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होगी रायल्टी।
मांग व आपूर्ति का अंतर पाटने का तर्क-
रेत के बेतहाशा बढ़ते दामों की चुनौती से जूझ रही सरकार ने मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने के तर्क का सहारा नई रेत नीति में लिया है। यही वजह है कि रेत खदानों की संख्या बढ़ाकर 1200 करने की सिफारिश की गई है। विभाग का मानना है कि हर जिले में पर्याप्त खदानें खुल जाने और रायल्टी निर्धारित किए जाने से रेत के दाम नियंत्रित किए जा सकेंगे।
रेत के बेतहाशा बढ़ते दामों की चुनौती से जूझ रही सरकार ने मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने के तर्क का सहारा नई रेत नीति में लिया है। यही वजह है कि रेत खदानों की संख्या बढ़ाकर 1200 करने की सिफारिश की गई है। विभाग का मानना है कि हर जिले में पर्याप्त खदानें खुल जाने और रायल्टी निर्धारित किए जाने से रेत के दाम नियंत्रित किए जा सकेंगे।
विभाग देगा माइनिंग प्लान, रसीद पंचायतें काटेंगी-रेत खदानों का माइनिंग प्लान खनिज संसाधन विभाग तैयार करेगा, ताकि नदियों के बेड को क्षति नहीं पहुंचे, जबकि रेत की बुकिंग से लेकर उनके भुगतान की रसीद पंचायतें काटेंगी। रेत खरीदने के लिए ग्राहक संबंधित पंचायत से मांग करेगा। उसी अनुरूप पंचायत रसीद देगी और ग्राहक निश्चित मात्रा में रेत का परिवहन कर सकेगा।