दरअसल, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान राजधानी भोपाल से अपने गांव जैत जा रहे थे। भोपाल से सटे मंडीदीप के पास हाइवे पर एक युवक घायल पड़ा हुआ था। युवक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल था। सड़क पर भीड़ देख शिवराज सिंह चौहान ने अपनी गाड़ी वहीं रोक दी। उसके बाद जैसे ही उन्हें पता चला कि युवक जख्मी है। तो वो गाड़ी से दौड़ पड़े और युवक के पास पहुंच गए।
खड़े होकर देख रहे थे लोग
युवक सड़क पर घायल अवस्था में पड़ा हुआ था। लोग वहां मदद करने की बजाय खड़ा होकर देख रहे थे। शिवराज सिंह चौहान वहां पहुंचने के बाद अपने काफिले में चल रही एंबुलेंस से स्ट्रेचर उतरवाया। उसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से उन्होंने खुद ही स्ट्रेचर पर घायल युवक को रखा। उसके बाद एंबुलेंस पर रखवा, उसे युवक को अस्पताल भिजवाया। युवक को एंबुलेंस पर रखवाते वक्त शिवराज सिंह बोल रहे हैं कि इसका इलाज हो जाएगा कि मुझे खुद साथ में चलना पड़ेगा।
युवक सड़क पर घायल अवस्था में पड़ा हुआ था। लोग वहां मदद करने की बजाय खड़ा होकर देख रहे थे। शिवराज सिंह चौहान वहां पहुंचने के बाद अपने काफिले में चल रही एंबुलेंस से स्ट्रेचर उतरवाया। उसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से उन्होंने खुद ही स्ट्रेचर पर घायल युवक को रखा। उसके बाद एंबुलेंस पर रखवा, उसे युवक को अस्पताल भिजवाया। युवक को एंबुलेंस पर रखवाते वक्त शिवराज सिंह बोल रहे हैं कि इसका इलाज हो जाएगा कि मुझे खुद साथ में चलना पड़ेगा।
जल्दी करो भाई
शिवराज सिंह चौहान घायल युवक की हालत देखकर बेचैन दिखते हैं। वो वहां पहुंचकर लोगों से बोलते हैं कि जल्दी करो भाई, इसको अस्पताल ले जाओ। शिवराज की अपील के बाद लोग स्ट्रेचर के पास पहुंच जाते हैं, शिवराज सिंह खुद लोगों की मदद से युवक को जमीन से उठाकर स्ट्रेचर पर रखते हैं, उसके बाद उसे एंबुलेंस में रखवाते हैं। लोगों को हिदायत देकर युवक को अस्पताल भिजवाते हैं। उसके बाद वह अपने गांव के लिए रवाना होते हैं।
गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान की दरियादिली पहले भी सामने आती रही है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रचार के लिए जाते वक्त एक घायल युवक की मदद की थी। उस दौरान भी युवक सड़क किनारे पड़ा हुआ था। शिवराज सिंह अपना काफिल रोक वहां उतर गए थे। उसके बाद तुरंत युवक को अपने सहयोगियों की मदद से अस्पताल भिजवाया था।
मामा की इस दरियादिली की मध्यप्रदेश के लोग कायल रहते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे कई घायलों की मदद की है। जो सड़क पर अपनी जिंदगी बचाने के लिए तड़पते रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश की दर्जनों बेटियों को गोद लिया है। जिसमें से कईयों की उन्होंने शादी भी कर दी है।