scriptसब दावेदारों को मात देकर यूं आगे निकल गए शिवराज, चौथी बार ‘मामा’ के हाथ में एमपी की कमान | Shivraj Singh Chauhan take oath as CM of Madhya pradesh | Patrika News

सब दावेदारों को मात देकर यूं आगे निकल गए शिवराज, चौथी बार ‘मामा’ के हाथ में एमपी की कमान

locationभोपालPublished: Mar 23, 2020 07:18:50 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

शिवराज सिंह चौहान के अलावे केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्र और कैलाश विजयवर्गीय का भी नाम शामिल था।

shivraj_chauhan.jpg
भोपाल. सीएम पद से कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद से ही सवाल उठने लगा था कि अब अगला कौन? चर्चा होने के पीछे कारण भी था, क्योंकि जब 2018 में भाजपा सत्ता से बाहर हुई, तब से ही गाहे-बगाहे कई लोगों का नाम सीएम पद की रेस में आ रहा था। कुछ लोग तो ये भी कह रहे थे कि शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की सियासत छोड़कर केन्द्र की राजनीति में शिफ्ट होंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ‘मामा’ जमे रहे और यहां सियासत भी करते रहे।
कमलनाथ सरकार के खिलाफ ‘फ्रंट फुट’ पर

कमलनाथ सरकार के खिलाफ जब सियासी घमासान शुरू हुआ तो शिवराज सिंह चौहान फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी कर रहे थे। हर मुद्दे पर बेबाकी से राय रख रहे थे। तब ही से सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गया था कि अगर कमलनाथ सरकार जाती है तो ‘मामा’ ही मध्य प्रदेश की कमान संभालेंगे।
आसान नहीं था राह

कमलनाथ सरकार गिरने के बाद भाजपा की और से सीएम पद की रेस में शिवराज सिंह चौहान के अलावे केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्र और कैलाश विजयवर्गीय का नाम शामिल था। लेकिन मौजूदा राजनीतिक समीकरण को देखते हुए आलाकमान ने ‘मामा’ के नाम पर मुहर लगा दी।
ये है वजह जो ‘माम’ को बनाया सबसे अलग

शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता, राजनीति और सामाजिक समीकरण तो उनका साथ दिया ही, इसके अलावे जातिगत समीकरण भी था। दरअसल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पद पर भी ब्राह्मण और सामान्य वर्ग का कब्जा है। यही कारण था कि सामान्य वर्ग के नाम पर मुहर लगाना पार्टी को मुश्किल लग रहा था। शिवराज ओबीसी वर्ग से आते हैं और पार्टी ने सियासी और जातिगत समीकरण साधने के लिए शिवराज के नाम पर मुहर लगा दी और चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान शिवाराज के हाथ में सौंप दी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो