[email protected]भोपाल। शहरी सरकार के लिए चुनावी जंग में मैदान में बस मोहरे हैं, लेकिन असल जंग भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के चुनावी प्रबंधन की है। दोनों प्रमुख पार्टियों में अधिकतर सीटों पर छोटे चेहरे हैं, जो सीधे तौर पर खुद कोई बड़ा राजनीतिक कद नहीं रखते। लेकिन, इनके पीछे दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रबंधन, प्रतिष्ठा और सियासी कद कसौती पर है। भाजपा की ओर से सीएम शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चुनावी प्रबंधन व रणनीति की कमान संभाले हैं। चुनावी बिसात पर सारे दांव-पेंच इन चारों नेताओं के इशारों पर चले जा रहे हैं। इन चारों के लिए यह चुनाव समग्र रूप से प्रतिष्ठा का विषय है। खास तौर पर 16 महापौर सीटों को लेकर ये 4 किरार सबसे अहम है और ये ही अलर्ट भी हैं। अभी सभी 16 सीट भाजपा के पास है। इस कारण भाजपा इन्हें बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है, तो कांग्रेस इन सीटों में सेंध लगाकर काबिज होने की मशक्कत में जुटी है। पढि़ए, दोनों पार्टियों के इन प्रमुख नेताओं के चुनावी दांव-पेंच के रणनीतिक कदम...
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भाजपा से-
शिवराज सिंह चौहान, सीएम, मप्र -
: भाजपा में शहरी सरकार के लिए मुख्य चेहरा सीएम शिवराज ही है। चारों प्रमुख शहरों के नामांकन को फोकस करने के बाद शिवराज प्रचार पर निकलेंगे। सबसे पहले सभी 16 नगर निगम पहुंचेंगे। सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों से सीधे कनेक्ट होंगे। शिवराज की पहले से जनता में लोकप्रियता है, इस कारण उनके ज्यादा से ज्यादा दौरे होंगे। वहीं टिकट से लेकर प्रबंधन तक शिवराज के हिसाब से रणनीतिक कदम उठना है। सीएम होने के कारण प्रशासनिक तौर पर भी शिवराज अग्रणी रहना है। हर क्षेत्र के स्थानीय दिग्गज के साथ वहां दौरे करेंगे। स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए कदम उठाने के साथ प्रचार की अगुवाई करेंगे। सभी सीटों तक पहुंचे का लक्ष्य है। उन सीटों पर ज्यादा फोकस रहेगा, जहां छोटे व नए चेहरे हैं।
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वीडी शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा -
: प्रदेश भाजपा के मुखिया होने के नाते पार्टी की पूरी रणनीति फायनल की है। टिकट से लेकर वार्ड स्तर तक के प्रचार व प्रबंधन का रोडमैप तैयार कराया है। शिवराज के बाद सबसे ज्यादा दौरे करने वाले पार्टी के नेता हैं। अब भी कई सीटों पर दौरा कर चुके हंैं। चारों प्रमुख शहरों के नामांकन के बाद अब सभी 16 सीटों पर सबसे पहले दौरे करेंगे। शिवराज के साथ संयुक्त दौरे होंगे। इसके अलावा हर क्षेत्र के क्षत्रप के साथ वहां पर दौरा होगा। डेमेज कँट्रोल से लेकर जीत के लिए रणनीतिक बदलाव तक की कमान खुद संभाली है। वीडी मैदान में उतरेंगे, जबकि संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा प्रदेश स्तर पर मानीटरिंग करेंगे। प्रदेश कार्यालय में पूरी टीम निगरानी व प्रबंधन के लिए बैठाई जाएगी। संगठन के टिकट वाली जगहों पर ज्यादा फोकस रहेगा।
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कांग्रेस से-
कमलनाथ, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस -
: कांग्रेस ने सबसे पहले टिकट फायनल किए थे। कमलनाथ ने सभी सीटों के प्रबंधन को खुद देखा है। प्रत्याशी के स्तर पर काम हो रहा है, जिसके बाद पार्टी स्तर पर खुद कमलनाथ पूरा काम देख रहे हैं। डेमेज कंट्रोल से लेकर अन्य रणनीतिक निर्णय तक की कमान उनके पास है। कमलनाथ खुद प्रमुख सीटों पर पहुंचेंगे। इंदौर से शुरूआत कर चुके हैं। सभी 16 नगर निगम में कमलनाथ प्रचार करने पहुंचेंगे। खुद की सरकार के समय के काम और भाजपा की असफलता व कोरोना काल की अव्यवस्था को फोकस करके रणनीतिक प्रचार किया जा रहा है। पार्टी के सभी गुटों को समन्वय करने की क्षमता के कारण खुद ही आगे रहकर सारे काम देख रहे हैं।
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दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद, कांग्रेस -
: पार्टी में असंतुष्टों को साधना और निचले स्तर के नेटवर्क को सक्रिय करने की जिम्मेदारी दिग्विजय ने उठा रखी है। कमलनाथ के साथ समन्वय बनाकर दिग्विजय मैदानी तौर पर सक्रिय है। पार्टी स्तर पर जहां कमलनाथ आगे हैं, तो मैदान में पूरी तरह दिग्विजय अगुवाई कर रहे हैं। प्रमुख सीटों की रणनीति से लेकर असंतुष्टों को साधकर सक्रिय करने तक का काम खुद देख रहे हैं। स्थानीय स्तर पर प्रमुख सीटों की समस्याओं, रणनीति कदम, नेताओं को जिम्मेदारी देना और असंतुष्टों को साधकर काम थमाने से संबंधित काम कर रहे हैं। अप्रत्यक्ष रूप से सभी 16 नगर निगम सीटों तक पहुंचेंगे और रणनीतिक जरूरत के हिसाब से कदम उठाएंगे। भोपाल में कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी विभा पटेल के चुनाव को अप्रत्यक्ष रूप से पूरी तरह रणनीतिक प्रबंधन के सूत्रधार हैं।
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