दरअसल, झारखंड में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। भाजपा ने अपने पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए अपनी स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के तीनों पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह को जगह नहीं मिली है। जबकि शिवराज सिंह चौहान भाजपा के सबसे मजबूत माने जाने वाले संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। इसी बोर्ड के दूसरे सदस्य थावरचंद गहलोत को भी जगह नहीं मिली है, शेष सभी सदस्य स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं। हालांकि महाराष्ट्र चुनाव की सूची में शिवराज समेत तीनों राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जगह मिली थी।
क्या दिल्ली दरबार की नाराजगी है वजह
शिवराज सिंह को लगातार भाजपा में हाशिए पर धकेलने की कोशिश हो रही है। मध्यप्रदेश के राजनीति में भी भाजपा का मजबूत चेहरा होने के बाद भी उन्हें किनारे पर रखा जा रहा है। इस बीच में महाराष्ट्र में भी अपेक्षाकृत कम ही समय उन्हें चुनाव प्रचार के लिए दिया गया था। झारखंड चुनाव में तो उन्हें बाहर का रास्ता ही दिखा दिया गया है। वजह क्या है, यह न तो भाजपा ने स्पष्ट किया है और न ही शिवराज सिंह की ओर से कोई प्रतिक्रिया दी गई है। लेकिन माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व और उनके बीच में लगातार दूरियां बढ़ती जा रही हैं। उनके रिश्ते और उनकी दावेदारी उतनी मजबूत नहीं है, जितनी पहले मानी जाती रही है।
मजबूत दावेदार को कमजोर रखने की कोशिश
अगर भाजपा के अंदरुनी सूत्रों की मानें तो शिवराज सिंह चौहान को भाजपा चुनाव प्रचार में नहीं बुलाना चाहती थी, इसीलिए मध्यप्रदेश के दूसरे सभी नेताओं को भी सूची से बाहर रखा। इसके साथ ही बाकी दोनों राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी जगह नहीं दी गई। इतना ही नहीं, भाजपा का एक धड़ा शिवराज के अंदर भविष्य की संभावनाएं देखता है। यही वजह है कि उन्हें कमजोर करने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। मध्यप्रदेश में भी उन्हें लगातार उपेक्षा का शिकार बनाया जा रहा है। यह बात और है कि वह अपने स्तर पर लगातार मेहनत कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं के बीच में जाकर सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा शिवराज सिंह चौहान की भूमिका पार्टी संगठन चुनावों में भी सीमित रखना चाहती है, जिससे केंद्रीय नेतृत्व को अपने निर्णय में किसी भी तरह की परेशानी न हो। कुल मिलाकर शिवराज की संभावनाओं का शिकार करने की रणनीति एक पक्ष की ओर से बनती हुई नजर आ रही हैं।